तीन बच्चे, जर्जर स्कूल भवन, ऐसे मनाया आजादी का पर्व, बच्चों ने तैयार किया अपने स्कूल का नक्शा
उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों में भी आजादी की 75वीं वर्षगांठ का उत्साह देखा गया। कहीं राष्ट्रीय ध्वज के आरोहण के समय लोगों की भीड़ थी। चमक दमक थी, तो कहीं अंगुली में गिनने लायक ही लोग थे। अब उत्तराखंड के इस स्कूल को ही देख लीजिए। यहां स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। स्कूल में सिर्फ तीन बच्चे हैं। इन बच्चों पर एक अध्यापक हैं। कुल मिलाकर चार हुए और उनमें भी आजादी के पर्व का खासा जोश देखा गया। वहीं, आजादी के अमृत महोत्सव में नेताओं की ओर से भाषणों और घोषणाओं का अमृत तो पिलाया जा रहा है, लेकिन हकीकत ये स्कूल ही बयां कर देता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पौड़ी गढ़वाल में राजकीय प्राथमिक विद्यालय महादेवसेंण कल्जीखाल में स्कूल भवन पूरी तरह से जीर्णशीर्ण हो चुका है। यहां एक कक्ष ही बच्चों के बैठने के लिए बचा है। बाकी कमरों की दीवारें भी जर्जर हो चुकी हैं। वहीं, इस सरकारी स्कूल के प्रति ग्रामीण भी विमुख हो चुके हैं। ऐसे में इस स्कूल में सिर्फ तीन बच्चे ही रह गए हैं। वहीं, स्कूल के शिक्षक सुभाष चंद्र कोटनाला बच्चों को किसी तरह जर्जर भवन में शिक्षा दे रहे हैं। यहां के लोगों को शिक्षक से कोई शिकायत नहीं है, उन्हें शिकायत व्यवस्थाओं से है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्वाधीनता दिवस के दिन इन बच्चों में उत्साह देखा गया। पड़ोस का एक बच्चा और उनके साथ इस राष्ट्रीय समारोह में शामिल हो गया। साथ ही दिल्ली निवासी प्रदीप रावत के साथ ही कुछ ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। बच्चों ने अपने हाथ से विद्यालय की नक्शा रूपी तस्वीर भी इस मौके पर प्रदर्शित की। वहीं, वरिष्ठ नागरिक प्रेम सिंह से ध्वजारोहण कराया गया।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




