इस बार मजदूर अपने अपने कार्यस्थलों, घरों पर झंडा फहराकर मनाएंगे मई दिवस
उत्तराखंड में संयुक्त मई दिवस समारोह समिति ने तय किया है कि इस बार का मई दिवस सभी यूनियने आपने -अपने कार्यस्थलों पर मनाएंगी। इस मौके पर कार्यालयों पर झंडा रोहण करेंगे। साथ ही घरों पर झंडारोहण कर इस दिन को मनाया जाएगा।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने कहा कि इस बार कोविड के चलते मई दिवस के मुख्य समारोह में जुलूस नहीं निकाला जाएगा। एक मई को मई दिवस मनाया जाता है। इस दिन हर शहर में जुलूस निकाला जाता था। इस बार सिर्फ झंडारोहण का कार्यक्रम होगा। साथ ही इससे संबंधित पर्चे विभिन्न यूनियनों में पहुंचा दिए है। उन्होंने कहा कि महामारी का विकराल रूप होने के चलते यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि सीटू, ऐटक, बैंक, बीमा, रक्षा से जुड़ी यूनियने आपने अपने कार्यस्थलों पर वर्तमान में सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के विषय में मजदूरों के बीच चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि श्रम कानून काम के घंटे आठ करने को लेकर शिकागो शहर में आंदोलन हुआ था। इसमें कई मजदूर पुलिस की गोली लगने से शहीद हो गए थे। इस बलिदान के बाद काम के घंटे आठ किए गए थे। उन्ही शहीदो की याद में मजदूर दिवस मनाया जाता है।
वर्तमान में मोदी सरकार ने इस कानून को समाप्त कर दिया गया है। जो मई दिवस के शहीदों का अपमान है। यही नही जो श्रम कानून मजदूरों ने लंबे संघर्षो व असंख्य कुर्बानियाँ दे कर प्राप्त किये थे, इस सरकार ने संसद में विपक्ष की गैरमौजूदगी व भारी विरोध के बावजूद पूंजीपतियों के दबाव में निरस्त कर दिया। पूंजीपतियों के लाभ के लिए चार श्रम सहिंताये बनाई गई हैं। इससे मजदूरों को गुलामी की ओर धकेल दिया गया है। इसका विरोध जारी है। जब तक श्रमिक अपनी लड़ाई नहीं जीत जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। यही शिकागो के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।