इस बार 59 दिन का होगा सावन का पवित्र महीना, दो चरणों में रखे जाएंगे व्रत, 19 साल बाद बना दुर्लभ संयोग, जानिए कारण
सावन का महीना भोलनाथ के भक्ति के सर्वश्रेष्ठ माना गया है। भोले बाबा के भक्त जलाभिषेक, दुधाभिषेक से शिव शंकर को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। आपको बता दें कि इस बार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार अधिक मास है। इसका अर्थ यह हुआ कि इस बार साल में 12 नहीं, बल्कि 13 महीने होंगे। ऐसे में इस बार अधिक मास सावन का होगा। 19 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है। इस बार चार जुलाई से 31 अगस्त तक सावन का पवित्र महीना होगा। ऐसे में बाबा भोलेनाथ की कृपा पाने का अवसर भक्तों को और मिल जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आपको बता दें कि इसके पहले 2004 में ऐसा संयोग हुआ था। इस बार सावन का महीना 04 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसका समापन 31 अगस्त को पूर्णिमा के दिन होगा। यानी कुल 59 दिन तक सावन चलेगा। इस बार सावन के महीने में 19 साल बाद मलमास भी पड़ रहा है।
नोटः यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। लोकसाक्ष्य इसकी पुष्टि नहीं करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस बार दो चरण में रखे जाएंगे सावन के व्रत
इस बार व्रत के लिहाज से सावन पहले 13 दिन तक चलेगा। यानि कि चार जुलाई से 17 जुलाई तक। उसके बाद 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास रहेगा। इसका समापन अमावस्या को होगा। इसके बाद 17 अगस्त को फिर से सावन रहेगा, जो 31 अगस्त तक चलेगा। ऐसे में इस बार सावन का व्रत दो हिस्सों में रखे जाएंगे। पहला 14 दिन दूसरा 15 दिन। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सावन पूजा विधि
अगर आप रात में शिवलिंग की पूजा करते हैं, तो अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर रखें। अगर आप शिव जी के मंत्रों का जाप करते हैं तो अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। शिव जी की पूजा में बेलपत्र, धतुरा, भांग जरूर चढ़ाएं। साथ ही सावन के महीने में दूध से अभिषेक करें। इसके अलावा आप खुले और रोशनी वाले जगह पर ही शिवलिंग रखें। वहीं, आप कभी भी पूजा करते समय उत्तर दिशा में नहीं बैठें। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिशा में भगवान शिव का बांया अंग होता है जो कि देवी गौरी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन बातों का भी रखें ध्यान
पूजा में तिल के तेल का प्रयोग करें। मंत्रोच्चार करते समय शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल और बेल की पत्तियां चढ़ाएं। व्रत के दौरान सावन व्रत कथा का पाठ करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। संध्याकाल में पूजा खत्म होने के बाद व्रत खोलें और सामान्य भोजन करें। सावन महीने में हरे रंग का विशेष महत्व है। भगवान भोलेनाथ का प्रिय रंग है हरा। इसलिए सावन महीने में महिलाएं हरी सड़ियां या सूट पहनती हैं. स्त्रियां हाथो में मेहंदी लगती हैं।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।