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April 25, 2025

गिरती जन्मदर से ये देश परेशान, जनसंख्या बढ़ाने के लिए कई कॉलेजों में पहल, रोमांस के लिए दे रहे हैं छुट्टी

पहले किया जनसंख्या नियंत्रण और अब वही मुसीबत बनता जा रहा है। अब जन्मदर कम होने पर इस देश की परेशानी बढ़ गई है। ये देश चीन है। क्योंकि चीन इन दिनों अपने गिरते जन्म दर से काफी परेशान है। यही वजह है कि, चीन में जनसंख्या गिरावट से निपटने के लिए हर दिन नए-नए पैंतरे अपनाए जा रहे हैं। वहीं सरकार के राजनीतिक सलाहकारों ने जन्म दर बढ़ाने के लिए कई सिफारिशें भी की हैं। क्योंकि पहले के मुकाबले यह चिंता और बढ़ गई है। यूं तो पहले से ही चीन में जन्म दर बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इस बार कई कॉलेज भी राष्ट्रीय चिंता का समर्थन करने के लिए एक अनूठी योजना लेकर आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कुछ कॉलेजों में रोमांस के लिए एक सप्ताह की छुट्टी
दरअसल, चीन के कुछ कॉलेजों में प्यार की तलाश पूरी करने के नाम पर एक हफ्ते की स्पेशल छुट्टी दी गई थी। NBC न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, फैन मेई एजुकेशन ग्रुप द्वारा चलाए जा रहे नौ कॉलेजों में से एक मियायांग फ्लाइंग वोकेशनल कॉलेज ने पहली बार 21 मार्च को स्प्रिंग ब्रेक की घोषणा की। इसमें रोमांस पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसी तरह बाकी के कॉलेजों ने भी 1 अप्रैल से 7 अप्रैल के बीच छुट्टी का ऐलान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जाएंगे पिकनिक, हिलौरे मारेगा मन
लियांग गुओहुई मियायांग फ्लाइंग वोकेशनल कॉलेज के डिप्टी डीन ने एक बयान में कहा कि मुझे उम्मीद है कि छात्र हरे पानी और हरे पहाड़ों को देखने जा सकते हैं और वसंत की सांस को महसूस कर सकते हैं। यह न केवल छात्रों की भावनाओं को विकसित करेगा, बल्कि उनके अंदर प्रकृति के प्रति प्रेम को भी विकसित करेगा। इसके साथ ही कक्षा में वापस लौटने पर उनकी शैक्षिक क्षमता को और समृद्ध और गहरा करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अनुभव को लिखना है डायरी में
वहीं, कॉलेजों ने इन छुट्टियों के लिए छात्रों को होमवर्क भी दिया है। इसके साथ ही सभी छात्रों को ये निर्देश भी दिए गए हैं कि छुट्टियों के दौरान छात्रों को डायरी में अपने अनुभव और कार्य को जरूर लिखना है। इसके साथ ही व्यक्तिगत विकास पर नजर रखना और अपनी यात्रा पर वीडियो भी बनाना शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के निर्देश पर कॉलेज प्रशासन के ये प्रयास जन्म दर को बढ़ावा देने के तरीके खोजने से प्रेरित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बीस से ज्यादा सिफारिशें
चीनी सरकार जन्म दर को बढ़ावा देने के लिए 20 से अधिक सिफारिशें लेकर आई है। हालांकि इस पर विशेषज्ञों की राय है कि, वे जनसंख्या की गिरावट को धीमा कर सकते हैं। चीन ने 1980 और 2015 के बीच लागू की गई वन चाइल्ड पॉलिसी से बड़े पैमाने पर जनसंख्या नियत्रंण पर फोकस किया। वहीं घटती जनसंख्या के चलते बैकफुट में आई सरकार के निर्देश पर फिर अधिकारियों ने 2021 में बच्चों की अधिकतम संख्या को बढ़ा कर तीन कर दिया है, लेकिन इस बीच लोग कई परेशानियों के चलते बच्चे पैदा करने में हिचक रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पेड मैरिज लीव की अवधि बढ़ाई
देश में जन्म दर को बढ़ावा देने के लिए अब नई-नई स्कीम लाई जा रही है। इसी क्रम में चीन ने नवविवाहित जोड़ों के लिए शानदार योजना लेकर आई है। इसके तहत इन जोड़ों को 30 दिनों की पेड मैरिज लीव दी जाएगी ताकि पति-पत्नी आपस में समय बिता सके और जनसंख्या बढ़ाने में भागीदार बन सके। बता दें कि पहले चीन में शादी के लिए मात्र तीन दिनों की पेड लीव मिलती थी। अब यहां तेजी से जनसंख्या घटने लगी तो मजबूरन सरकार को अपनी नीति में बदलाव करनी पड़ी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

क्या है इस योजना का उद्देश्य
परिवर्तन का उद्देश्य युवा जोड़ों को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना है। चीन के कुछ प्रांत जहां 30 दिन की शादी की छुट्टी दे रहे हैं वहीं अन्य में करीब 10 दिन की छुट्टी का प्रावधान है। गांसु और शांक्सी प्रांत 30 दिन दे रहे हैं, जबकि शंघाई 10 और सिचुआन अभी भी केवल तीन दिन की दे रहे हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए साउथवेस्टर्न यूनिवर्सिटी ऑफ फाइनेंस एंड इकोनॉमिक्स के सामाजिक विकास अनुसंधान संस्थान के डीन, यांग हैयांग ने कहा कि शादी की छुट्टी बढ़ाना प्रजनन दर बढ़ाने के प्रभावी तरीकों में से एक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जनसंख्या पर सख्त नीति पर उल्टा चीन पर पड़ रहा भारी
1980 से 2015 तक सख्त एक-बच्चे की नीति लागू करने के कारण चीन की जनसंख्या में गिरावट आई है। 2022 में, चीन ने प्रति 1,000 लोगों पर 6.77 जन्म की अपनी सबसे कम जन्म दर दर्ज की। इसके बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था पर वित्तीय प्रभाव पड़ा है। देश को अभूतपूर्व और तेजी से बढ़ती आबादी की बोझिल चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है। चीन द्वारा घोषित जनसंख्या अनुमानों के अनुसार, उसकी आबादी में पिछले वर्ष 8.5 लाख की गिरावट आई। वर्ष 1960 के बाद चीन की जनसंख्या में इस तरह की गिरावट पहली बार आई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तेजी से बढ़ रही बुजुर्गों की संख्या
चीन में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या से सामाजिक और आर्थिक स्थितियों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। 2050 तक 33 करोड़ चीनियों की आयु 65 वर्ष से अधिक हो जाएगी। यह विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर नहीं है। हॉन्गकॉन्ग स्थित पेंशन फंड स्टर्लिंग फाइनेंस लिमिटेड के चेयरमैन स्टुअर्ट लैकी बताते हैं, यह भविष्य में चीन के लिए सबसे बड़ी समस्या होगी। यदि ऐसी ही स्थिति रही तब चीन की आबादी 2029 में 1 अरब 44 करोड़ के चरम पर पहुंचकर गिरावट के दौर में प्रवेश करेगी। चीनी सोशल साइंस अकादमी की जनवरी में जारी रिपोर्ट का कहना है, देश नकारात्मक जनसंख्या वृद्धि के दौर में प्रवेश करेगा। 2065 में आबादी 1990 जैसी हो जाएगी। घरेलू मांग में गिरावट आएगी और आर्थिक विकास की गति धीमी पड़ेगी।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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