चोरों ने किया खुलासा, वाहन से ज्यादा फायदेमंद है साइलेंसर की चोरी, सोने की तरह महंगा है साइलेंसर और उसकी की डस्ट
वाहनों से ज्यादा आसान चोरों को साइलेंसर की चोरी लगने लगी है। पकड़े जाने का डर भी कम है और फायदा भी अधिक मिलता है। ऐसा खुलासा पकड़े गए चोरों ने किया है।

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में पुलिस ने वाहनों के साइलेंसर चोरियों का पर्दाफाश करते हुए तीन युवकों को हाल ही में गिरफ्तार किया। इन युवकों ने ज्यादातर इको वाहन के साइलेंसर ही चोरी किए थे। ऐसे में सवाल खड़ा होने लगा कि वाहन ही ले जाने की बजाय कोई साइलेंसर क्यों चुरा रहा है। पकड़े गए चोरों से पता चला कि ईको वाहन के साइलेंसर में कैटालिटिक कन्वर्टर लगा होता है। विशेष प्रकार की धातु से बना होने के कारण साइलेंसर की डस्ट भी बेहद महंगे दामों में बिकती है। आकार में छोटा होने के कारण इसमें पकड़े जाने का भी भय नहीं होता।
चारपहिया वाहन के इंजन से निकलने वाले हानिकारक धुएं को कार्बन डाईऑक्साइड में परिवर्तित करने के लिए साइलेंसर में कैटालिटिक कन्वर्टर लगा होता है। यह कनवर्टर प्लेटिनम, पैलेडियम और रोडियम धातु के मिश्रण से बना होता है। इसकी कीमत सोने से भी कहीं अधिक है। साइलेंसर में जमा होने वाली एक प्रकार की डस्ट भी महंगे दामों में बिकती है। इसी के चलते चोर गिरोह वाहनों के साइलेंसर चोरी कर रहा था।
पुलिस के मुताबिक ईको वाहन का साइलेंसर खोलने में भी अधिक परेशानी नहीं आती। पूछताछ में पता चला कि हापुड़ निवासी एक युवक को वे पांच हजार रुपये में साइलेंसर बेचा करते थे। साइलेंसर खरीदने वाला युवक उनका क्या करता है। इसका उन्हें पता नहीं। 25 अगस्त को नैनीताल पहुंचने के बाद गिरोह के सदस्यों ने डीएसबी परिसर के समीपवर्ती एक होटल में कमरा लिया था। दो दिन की रेकी के बाद 27 अगस्त की रात उन्होंने पहले तल्लीताल और फिर बारापत्थर क्षेत्र में पार्क किये गए वाहन का साइलेंसर काटे। मगर इसी बीच वाहन स्वामी के पहुंचने से वे पकड़े गए। पुलिस पूछताछ में एक आरोपित ने कबूल किया कि वह तीन बार चोरी को अंजाम देने नैनीताल क्षेत्र में आ चुका है। उसके साथ पकड़े गए दो युवक इस काम में नए है। उसने बताया कि एक और गिरोह नैनीताल और पहाड़ों की ओर साइलेंसर चोरी को अंजाम दे रहा है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।