मुख्यमंत्री से मुलाक़ात के समय तथा विभिन्न कार्यक्रमों में मिलने वाले उपहारों की होगी नीलामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न कार्यक्रमों में उन्हें मिलने वाले उपहारों को लेकर नवीन पहल की है। मुख्यमंत्री ने सचिव विनय शंकर पांडेय को निर्देश दिए हैं कि कार्यक्रमों में उन्हें जो विभिन्न प्रकार के उपहार मिलते हैं, उनके मूल्य का आंकलन कर उनकी नीलामी की जाए और इससे मिलने वाली रकम को जनहित के कार्यों में इस्तेमाल किया जाए। कोई सामान्य व्यक्ति भी नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभी हाल ही में लोगों से अपील की थी कि किसी समारोह में अतिथियों को बुके की जगह बुक देने की परंपरा शुरू करनी चाहिए। इससे भावी पीढ़ी में ज्ञान का भंडार बढ़ेगा व दिमाग का भी पोषण होगा। पौधा भेंट करना भी बुके का विकल्प हो सकता है। अब, इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने एक और नवीन एवं अभिनव पहल की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरअसल, मुख्यमंत्री उत्तराखंड या उत्तराखंड से बाहर कार्यक्रमों में शिरकत करते हैं तो लोग तमाम उपहार उन्हें भेंट करते हैं। शॉल से लेकर पेंटिंग, विभिन्न प्रकार की आकृतियां उन्हें भेंट की जाती हैं। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर अपने सचिव विनय शंकर पांडेय को निर्देशित किया है कि उन्हें जो भी उपहार कार्यक्रमों में मिलते हैं उनके मूल्य की गणना कर इनकी नीलामी की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इस नीलामी से प्राप्त होने वाली धनराशि का इस्तेमाल जनहित के विभिन्न कार्यों में इस्तेमाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस हेतु सचिव को प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है ताकि जल्द से जल्द इस कार्य को प्रारंभ किया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने न्यूनतम 1000 मेगावाट के पिट-हेड थर्मल पावर प्लांट स्थापित किये जाने के लिए उत्तराखण्ड राज्य को लगभग 125 मिलियन टन भण्डारण क्षमता की एक कोल ब्लॉक का आवंटन प्राथमिकता पर करने का अनुरोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुकूल औद्योगिक नीति के कारण राज्य में द्रुत गति से औद्योगिक विकास हुआ है, जिसके फलस्वरूप विद्युत की मांग में निरन्तर वृद्वि हुई है। सर्दियों के मौसम में बिजली की कमी गंभीर हो जाती है क्योंकि ठंडे तापमान के कारण नदियों में पानी का बहाव कम हो जाता है। राज्य में बिजली की मांग प्रतिवर्ष लगभग 4 से 5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और लीन सीजन की अवधि में प्रतिदिन लगभग 4 से 5 मि0यू0 की औसत कमी होती है। औद्यौगिकीरण बढने के कारण आने वाले वर्षों में विद्युत की मांग और बढने की सम्भावना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा की गई संस्तुति के दृष्टिगत राज्य में विद्युत परियोजनाओं के तेज गति से विकास किये जाने के लिए यूजेवीएन लि0 (राज्य सरकार का उपक्रम) और टीएचडीसी इण्डिया लि0 के बीच एक संयुक्त उपक्रम (टीएचडीसीआईएल, यूजेवीएनएल एनर्जी कम्पनी लि) का गठन किया गया है। टीएचडीसी इण्डिया लि. की तापीय विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में भी अनुभव को ध्यान में रखते हुए राज्य की विद्युत मांग की आपूर्ति हेतु इस नए संयुक्त उपक्रम के माध्यम से एक पिट-हेड थर्मल पावर प्लांट स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य उन कुछ राज्य में से एक है जहां कोई भी थर्मल पावर स्टेशन संचालित नहीं है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखण्ड राज्य को एक कोल ब्लॉक का आवंटन प्राथमिकता पर करने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने यथासंभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।