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April 13, 2025

इस राज्य में है मद्यनिषेध, फिर भी जहरीली शराब पीने से हो चुकी है 11 मौत, 12 गंभीर बीमार

यदि मद्यनिषेध राज्यों में ही शराब पीकर मरने की सूचनाएं आएंगी तो ये बात चौंकाने वाली जरूर ही सकती है। अब ऐसी घटनाएं अक्सर सुनाई देने लगी हैं और अब लोगों ने चौंकना भी बंद कर दिया है। ऐसी घटनाओं को रूटीन माना जाने लगा है। वहीं, मद्यनिषेध राज्यों की सरकारों की दृढ़ इच्छाशक्ति पर सवाल उठाने भी बंद कर दिए गए हैं। देश में गुजरात, नागालैंड, मिजोरम, बिहार राज्य में शराबबंदी है। यानि की यहां शराब ना तो बेची जा सकती है और ना ही खरीदी। शराब का सेवन करना भी यहां अपराध है। ऐसे में जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में ही गुजरात के बोटाद जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 41 लोगों के मरने और 70 से ज्यादा लोगों के बीमार होने की खबर आती है। अब ऐसी की खबर बिहार राज्य से भी आई, जबकि इस राज्य में भी शराब बंदी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गुजरात के बाद अब बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से मौत का मामला प्रकाश में आया। यहां अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12 अन्य गंभीर रूप से बीमार हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी कि जहरीली शराब पीने वाले कुछ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। जिलाधिकारी राजेश मीणा और पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पांच लोगों को कथित रूप से अवैध शराब बनाने और उसकी बिक्री में शामिल होने को लेकर गिरफ्तार किया गया है। संबंधित थाने के एसएचओ और स्थानीय चौकीदार को निलंबित किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने पत्रकारों से कहा कि बृहस्पतिवार को सूचना मिली थी कि शराब पीने के बाद दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग बीमार हो गए। यह घटना मेकर थाना क्षेत्र के फुलवरिया पंचायत के गांवों से सामने आयी थी। उन्होंने बताया कि पुलिस, आबकारी और चिकित्सा अधिकारियों की एक टीम को मौके पर भेजा गया और बीमार लोगों को यहां सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत बिगड़ गई तो उन्हें पटना के पीएमसीएच अस्पताल ले जाया गया। अधिकारियों ने बताया कि अब तक इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि इस घटना के सिलसिले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जब मुख्यमंत्री के करीबी एवं मंत्रिमंडलीय सहयोगी अशोक चौधरी से पत्रकारों ने कहा गया कि ऐसी घटनाओं के आलोक में मद्यनिषेध कानून की प्रभावकारिता पर प्रश्न उठाये जा रहे हैं, तब उन्होंने कहा कि दहेज, बलात्कार एवं बिना लाइसेंस वाले हथियार भी रुके नहीं हैं। क्या इससे उनके विरूद्ध बने कानूनों को निरस्त करने की मांग उठती है। ऐसे तत्व हैं, जो बिहार में मद्यनिषेध अभियान को सफल नहीं देना चाहते हैं।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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