भारत में पांच दिन तक इन राज्य में शीत लहर की संभावना, पड़ेगी कड़ाके की ठंड, उत्तराखंड के इन इलाकों में आज होगी बारिश
देश भर में पारे में गिरावट आई और दिसंबर की सर्दी अपना रंग दिखाने लगी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आज से पांच दिन तक पांच राज्यों में शीतलहर की संभावना जताई है।
आईएमडी ने एक बयान में बताया आज शुक्रवार यानी 17 दिसंबर से 21 दिसंबर के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, सौराष्ट्र और कच्छ में, 18 से 21 दिसंबर तक उत्तरी राजस्थान में 19 से 21 दिसंबर के बीच, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में और 19 तथा 20 दिसंबर के बीच गुजरात में शीत लहर, गंभीर शीतलहर की स्थिति बनने का अनुमान है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री नीचे 19.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में कोहरा छाया रहेगा। राष्ट्रीय राजधानी में आज सुबह मौसम सर्द रहने के साथ ही न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो-तीन दिनों में पारा और कुछ डिग्री गिरने का अनुमान है।
वहीं मौसम विभाग ने शुक्रवार से राजस्थान के कई इलाकों में शीतलहर चलने का अनुमान व्यक्त किया है। उत्तरी सर्द हवाओं से तापमान में गिरावट आने का अनुमान है। इस बीच राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में सर्दी का दौर जारी है। बीते चौबीस घंटे में हनुमानगढ़ के संगरिया में न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार बीते चौबीस घंटे में राज्य के नागौर में न्यूनतम तापमान 4.1 डिग्री सेल्सियस , चुरू में 4.6 डिग्री, गंगानगर में 4.9 डिग्री, फतेहपुर में 5.2 डिग्री, बीकानेर में 6.0 डिग्री, जैसलमेर में 6.4 डिग्री व पिलानी में 6.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
उत्तराखंड में मौसम का हाल
आज 17 दिसंबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिले के कुछ स्थानों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में कहीं कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश हो सकती है। राज्य के मैदानी क्षेत्र में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। वहीं, 2500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई पर बर्फबारी की भी संभावना है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, इसके बाद 18 दिसंबर से 20 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। पर्वतीय क्षेत्र में सुबह के समय कहीं कहीं पाला पड़ने की भी संभावना है। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्र में सड़कों पर पाला जम जाता है। इस स्थिति में वाहन को संभलकर चलाना होगा। अन्यथा वाहनों के फिसलने की संभावना रहती है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।