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August 5, 2025

प्रसिद्ध गायक जुबिन नौटियाल के साथ जौनसार के युवाओं ने सीएम से की भेंट, यहां भी कोरोना नियम हुए हवा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रसिद्ध गायक जुबिन नौटियाल, उनके पिता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में जौनसारी बावर क्षेत्र के युवाओं एवं छात्रों ने भेंट की।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रसिद्ध गायक जुबिन नौटियाल, उनके पिता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में जौनसारी बावर क्षेत्र के युवाओं एवं छात्रों ने भेंट की। उन्होंने नवीन चकराता टाउन शिप विकसित करने के लिये 2 करोड़ की धनराशि टाउन प्लानिंग विभाग को उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीन चकराता टाउनशिप को पुरोड़ी-नागथात-लखवाड़ से यमुना नदी तक विकसित किया जाएगा। इसके लिये 2 करोड़ की धनराशि टाउन प्लानिंग विभाग को अवमुक्त करने की घोषणा पूर्व में की जा चुकी हैं। कार्यक्रम में सब कुछ तो ठीक रहा, लेकिन चिंताजनक ये रहा कि पूरे सभागार में जमा भीड़ बगैर मास्क के थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नवीन चकराता टाउनशिप’ को चकराता -मसूरी राजमार्ग से लगी भूमि पर विकसित किया जायेगा। इसके अतंर्गत पड़ने वाले ग्रामों की पौराणिक पहचान एवं सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिए टाउनशिप की सीमाओं को इन ग्रामों के आबादी क्षेत्र से बाहर रखा जायेगा। इस टाउनशिप के विकास से यहां पर्यटन उद्योग को तो बढ़ावा मिलेगा ही, साथ-साथ यहां की जलवायु तथा भौगोलिक स्थिति के अनुरूप औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किये जा सकेंगे। इससे स्थानीय बेरोजगारों के लिये स्वरोजगार के कई आयाम स्थापित होंगे।
उन्होंने युवाओं से स्वरोजगार के प्रति ध्यान देने की अपेक्षा करते हुए कहा कि सरकारी नौकरियां हजारों में हैं। वहीं, बेरोजगार युवा लाखों में। युवा रोजगार लेने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बने। इसके लिए राज्य सरकर द्वारा विभिन्न स्वरोजगार योजनायें संचालित की है तथा योजनाओं के ऋण सुविधा आसान बनाई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे तमाम मुद्दों पर आने वाले सालों में किस तरह सरकार और जनता के बीच समन्वय बनाकर कार्य किया जाए इसके लिए सरकार ने बोधिसत्व विचार श्रृंखला कार्यक्रम की शुरुआत की है। जिसके माध्यम से सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके अनुभवी लोगों से सुझाव प्राप्त किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 5700 करोड़ लखवाड़ वाली परियोजना का स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे भी क्षेत्र का विकास होगा तथा राज्य का 300 मेगावॉट बिजली उपलब्ध होगा तथा 6 राज्यों को पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में ऐसे बहुत से काम हुए हैं, जिनकी पहले कल्पना नहीं की जा सकती थी। पहाड़ पर रेल पहुंचाने के सपने को साकार किया है। (हालांकि अभी काम चल रहा है, रेल नहीं पहुंची, सपना साकार तब होगा, जब रेल पहुंचेगी)
उन्होंने कहा कि आज ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तथा सामरिक दृष्टि एवं भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। इसी प्रकार चार धाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट पर भी तीव्र गति से काम किया जा रहा है। चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए लाइफ लाईन है और ये परियोजनाएं जहां चारधाम यात्रा को सुगम बनाएंगी, पर्यटन को बढ़ावा देगी वहीं हमारी अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन भी लाएगी। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे देहरादून से दिल्ली की दूरी को और कम करने वाला है।
इस अवसर पर श्री यशपाल चौहान, अर्जुन शर्मा, बाबी पंवार, लाखी राम जोशी, सरदार सिंह, महिपाल सिंह आदि उपस्थित थे।

रात को कर्फ्यू, दिन में सीएम भी जुटा रहे भीड़
उत्तराखंड में ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए प्रदेश में रात को नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं, दिन में राजनीतिक रैलियों, अन्य कार्यक्रमों के जरिये सीएम पुष्कर सिंह धामी भी स्वयं भीड़ जुटा रहे हैं। कोरोना के नियम हवा हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि रात को क्या कोरोना का हमला होता है। दिन में कोरोना का डर नहीं है। क्या सीएम नियमों का पालन नहीं करेंगे तो आम जनता पालन करेगी। राजनीतिक लोगों को तो रोल माडल की भूमिका निभानी चाहिए। तभी कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है। जौनसार बाबर के लोगों के सीएम से भेंट करने के दौरान पूरा सभागार खचाखच भरा था। सीएम सहित अधिकांश से मास्क गायब थे। कलाकार भी लोगों के रोल मॉडल होते हैं, वहीं, जुबिन भी बगैर मास्क के नजर आए। शारीरिक दूरी का नियम भी ताक पर रखा गया। ऐसे राजनेताओं से क्या उम्मीद की जा सकती है, जो खुद ही नियम तोड़ते हों। ये समझने का विवेक आमजन के पास होना चाहिए। जो जनता ने पिछले कुछ साल से शायद खो दिया है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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