कोरोना से मौतः दो मासूम के साथ महिला पति के अंतिम संस्कार को गिड़गिड़ाती रही, मदद को आए ईओ

कोरोनाकाल में ऐसी ऐसी स्थिति बन रही है कि जो पहले कभी नहीं बनी। कोरोना पीड़ित की मौत के बाद अपनों ने भी शव को हाथ लगाने से मना कर दिया। दो मासूम के साथ महिला पति के शव का अंतिम संस्कार के लिए गिड़गिड़ाती रही। ये मामला संज्ञान में आने पर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी मदद को आगे आए और मृतक का अंतिम संस्कार कराया।
मामला उत्तराखंड के नैनीताल जिले में रामनगर का है। कोरोना पॉजिटिव होने के कारण 36 वर्षीय एक व्यक्ति की स्थानीय अस्पताल में मृत्यु हो गयी। मृतक की पत्नी अपने दो मासूम बच्चो को लेकर अपने रिश्तेदारों को पहाड़ से बुलाती रही। कोई मदद को नही आया। एसडीएम विजयनाथ शुक्ल को सूचना मिली तो उन्होंने नगर पालिका के ईओ भरत त्रिपाठी को इस काम का जिम्मा दिया।
त्रिपाठी खुद भी पूर्व में इस बीमारी के चलते हुये जिंदगी व मौत की जंग लड़ चुके हैं। इस कारण उन्होंने इसका मर्म समझा और सहयोग के प्रयास किये। समाजसेवा का दंभ भरने वाले भी कई पीछे हट गए। इस बीच उन्हें वाहन चालक दीपक चन्द्र, सभासद शिवि अग्रवाल, प्रभारी स्वस्थ्य निरीक्षक देवेंद्र बिष्ट , चालक फरीद अहमद, पर्यावरण मित्र आकाश बाल्मीकि व शनि बाल्मीकि का सहयोग मिला।
इस लोगों ने लकड़ी का इंतजाम किया। मृतक के शव को मोर्चरी से निकलवाकर उसे शमशान घाट ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया। जहां मृतक के जीजा भी संस्कार में शामिल हुए। ईओ त्रिपाठी व उनकी टीम के जज्बे की सभी मुक्तकंठ से सराहना कर रहे है ।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।