Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 8, 2025

छावला रेप और मर्डर केस में पीड़ित परिवार पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, नाराज पूर्व सीएम हरीश रावत सरकार पर बरसे

छावला रेप-मर्डर केस में पीड़ित परिवार ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से फिर से विचार करने की अपील की है। सात नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया था, जिन्हें निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई गई थी। अब पीड़ित परिवार ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है। याचिका में कहा गया है कि कई महत्वपूर्ण तथ्यों को शीर्ष अदालत के सामने नहीं लाया गया और कुछ तथ्यों की गलत व्याख्या की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बता दें कि रवि कुमार, राहुल और विनोद को अपहरण, रेप और हत्या के विभिन्न आरोपों के तहत दोषी ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 7 अप्रैल, 2022 को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट को तय करना था कि तीनों की मौत की सजा बरकरार रखी जाए या नहीं। वहीं, दिल्ली पुलिस ने मौत की सजा कम करने की अर्जी का विरोध किया था। साल 2014 में दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने तीन लोगों को 2012 के इस मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राहुल, रवि और विनोद पर 9 फरवरी, 2012 को लड़की का अपहरण करने का आरोप लगाया गया था। जिस वक्त उसका अपहरण हुआ तब वह अपने कार्यस्थल से घर लौट रही थी। पुलिस के मुताबिक, बाद में 14 फरवरी को हरियाणा के रेवाड़ी के पास लड़की का क्षत-विक्षत शव मिला, जिस पर कई घाव थे। पोस्टमॉर्टम में पता चला कि उस पर हमला किया गया था, रेप के बाद उसकी हत्या कर शव खेतों में फेंक दिया गया था।

छावला केस और अंकिता भंडारी हत्याकांड में पूर्व सीएम का सरकार पर लचर पैरवी का आरोप
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने छावला रेस एवं मर्डर केस के साथ ही अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में केंद्र और राज्य सरकार की लचर पैरवी पर कड़ी नाराजगी का इजहार किया। उन्होंने इसे एक करोड़ उत्तराखंड यों का अपमान बताया। हरीश रावत आज दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रमुख उत्तराखंडियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड से चुने आठो सांसदों से भी आठ दिसंबर से हो रहे संसद सत्र में इस मामले में आवाज उठाने की अपील की। कहा कि उनका मूकदर्शक रहना आज उत्तराखंड की जनता के लिए चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने राज्य विधानसभा का सत्र मात्र दो दिनों में समाप्त किए जाने को भी राज्य सरकार की मातृशक्ति के अपमान की घटनाओं से राज्य विधानसभा में होने वाले विरोध का सामना ना करने की हिम्मत को इसका मुख्य कारण बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बैठक में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, कांग्रेस के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव हरिपाल रावत, उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देव सिंह रावत, पत्रकार कुशाल जीना, सुनील कुमार, प्रमोद शर्मा, देवेंद्र सिंह रावत, श्रीकांत भाटिया, अनिल पंत शामिल थे। सभी नेताओं ने राज्य सरकार कि इस मामले में दोषियों को सजा दिलाने में विफलता पर गहरी नाराजगी का इजहार किया। इस संबंध में भारत के कानून मंत्री किरण रिजिजू का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया गया।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *