केंद्र की मदद से रात पहुंचे ऑक्सीजन टैंकर, सुबह सीएम ने दिखाई झंडी, कहीं देर ना हो जाए, खबर पढ़कर चौंक जाएंगे आप

उत्तराखंड में फोटो खिंचवाने, झंडी दिखाने के कार्यक्रम कुछ ज्यादा ही हो रहे हैं। ऐसे कार्यक्रम हों, लेकिन कोरोना के नियमों का पालन जरूर हों। ध्यान रहे कि कहीं भीड़ न जुटे। शारीरिक दूरी का पालन हो। साथ ही जो मदद पहुंच रही है, वो समय से वहां पहुंच जाए, जहां के लिए है। कल रात केंद्र से भेजे गए ऑक्सीजन के छह टैंकर हर्रावाला रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे। एक टैंकर में 20 मेट्रिक टन लिक्विट ऑक्सीजन है। इनमें 80 मेट्रिक टन को बुधवार की सुबह मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यानी पूरी रात के बाद ये टैंकर सुबह तक सीएम के आने और झंडी दिखाने का इंतजार करते रहे। इस वक्त आवश्यकता है कि जितनी जल्द मदद अस्पतालों तक पहुंचे। कहीं ऐसा न हो कि उद्घाटन, फोटो सेशन से देरी का खामियाजा मरीजों को न भुगतना पड़े।
ऐसा हो चुका है पहले भी
यहां इस बात को इसलिए कहा जा रहा है कि 10 मई को जब प्रदेश भर में टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया तो उस दिन के कार्यक्रम की वीडियो सोशल मीडिया में डालकर कई युवाओं ने रोष जताया था। देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में टीका लगाने के लिए युवा सुबह ही पहुंच गए थे। एक वीडियो में युवक ने बताया कि दो घंटे से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन टीका नहीं लगाया जा रहा है। भीड़ बढ़ती जा रही है, यदि सुबह से टीके लगाने शुरू हो जाते तो लोग आते टीका लगातार चले जाते। सीएम के इंतजार में लोग परेशान हो रहे हैं। गर्मी से बचाव के साथ ही भीड़ में कोरोना संक्रमित होने का डर भी सता रहा है।
युवक बताता है कि जब सीएम आए तो अपने साथ भीड़ लेकर पहुंचे। ऐसे में कई युवा तो टीका लगाने से ही डर गए। क्योंकि जहां टीके लग रहे थे, वहां भी लोग फोटो खिंचवाने के लिए खड़े थे, जबकि ऐसे स्थान पर सिर्फ नर्स और टीका लगाने वाले को होना चाहिए। सुरक्षा की दृष्टि से कुछ भी सही नहीं हो रहा है।
ऋषिकेश में भी ऐसा हुआ
ऋषिकेश में भी जब समय से उद्घाटन करने विधानसभा अध्यक्ष नहीं पहुंचे तो लोगों ने हंगामा काट दिया। नारे लगाए गए। टीकाकरण के लिए लोगों को दो से तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा। परेशान लोगों की परेशानी तो जनप्रतिनिधियों को नजर नहीं आई, लेकिन बाद में बयान आया कि हंगामा सुनियोजित था।
हरिद्वार कुंभ का उदाहरण
हरिद्वार कुंभ के लिए करीब 132 एंबुलेंस उत्तराखंड को मिली। इन एंबुलेंस को कुंभ में भेजा गया। तब भी सारी एंबुलेंस को झंडी दिखाई गई। फिर कुंभ समाप्त हुआ। 29 अप्रैल को एंबुलेंस सीएम आवास पहुंची। फिर इन एंबुलेंस को झंडी दिखाकर जिलों के लिए रवाना किया गया। फिर जिलों में भी एंबुलेंस प्रभारी मंत्रियों के झंडी दिखाने का इंतजार करती रही। उत्तरकाशी में जनपद प्रभारी एवं गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, भाषा तथा पुनर्गठन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वामी यतीश्वरानंद ने सात मई को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ब्रह्मखाल, बड़कोट, नौगांव, पुरोला के स्वाथ्य केंद्रों का निरीक्षण किया और जिले के लिए मिली एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई। 28 अप्रैल को कुंभ का समापन हुआ। 29 अप्रैल को सीएम ने झंडी दिखाई। फिर सात मई को जिला प्रभारी मंत्री ने। अब इसे हम क्या कहेंगे।
उत्तराखंड को मिली ऑक्सीजन
भारत सरकार की ओर से जीवन रक्षक ऑक्सीजन एक्सप्रेस 11 मई की रात देहरादून पहुंच गई थी। ऑक्सीजन एक्सप्रेस में 6 कंटेनर थे। इनमें करीब 120 एमटी ऑक्सीजन है। आज सुबह मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हर्रावाला स्थित रेलवे स्टेशन पर केंद्र सरकार की ओर से ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिये भेजी गई 80 मेट्रिक टन ऑक्सीजन को प्रदेश के विभिन्न स्थानों के लिए रवाना किया। यदि इन टैंकरों को रात या तड़के रवाना कर दिया जाता तो संबंधित अस्पतालों में समय से ऑक्सीजन मिल जाती। अभी हो सकता है कि जिलों में भी वहां के मंत्री की झंडी का इंतजार इन ट्रकों को ना करना पड़े। तब जाकर अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचेगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उत्तराखंड की विषम परिस्थितियों को देखते हुए राज्य को केंद्र सरकार की तरफ से भरपूर ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि यह ऑक्सीजन गढ़वाल मंडल और कुमाऊं मंडल में भेजी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले भी ऑक्सीजन की कमी नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे ऑक्सीजन बेड अस्पतालों में बढ रहे हैं वैसे ही खपत भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में इसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऑक्सीजन सप्लाई लगातार आगे भी जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 18 साल से ऊपर की आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन भी शुरू हो गया है, जिसके बाद नौजवानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है और आगे कोई भी आवश्यकता पड़ने पर केंद्र ने प्रदेश सरकार को पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड गाइडलाइन का हर हाल में पालन करें और कोरोना से बचने के लिए लगातार सावधानी बरतें।
आपको बता दे कि उत्तराखंड राज्य सरकार ने भारत सरकार से ऑक्सीजन की मांग की थी। जिसके बाद पहली बार केंद्र सरकार ने टाटानगर से यह ऑक्सीजन एक्सप्रेस को देहरादून भेजा है। इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस में 20- 20 एमटी के 6 कंटेनर मौजूद है। जिसमें 120 एमटी लिक्विड ऑक्सीजन है। यह ऑक्सीजन एक्सप्रेस, देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन पर 11 मई की रात करीब 9:30 बजे पहुंच गई थी।
झंडी के इंतजार में कुंभ की सामग्री
अभी हरिद्वार कुंभ के लिए केंद्र से भेजी गई स्वास्थ्य सामग्री हरिद्वार के गोदामों में बंद बताई जा रही है। राज्य आंदोलनकारी मोहन खत्री इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। इसमें बताया गया कि कुंभ के लिये केन्द्र सरकार से चिकित्सा सामग्री भेजी गई थी। इसमें हास्पीटल बेड, चिकित्सा उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीमीटर, पीपीई किट एवं जीवन रक्षक दवाइयां आदि हैं। जो कि मेला अधिकारी के नियंत्रण में गोदामों में बंद हैं। संकट की इस घड़ी में इस सामग्री की राज्य में सख्त आवश्यकता है। इस सामग्री का राज्य में घोर अभाव है, जिस कारण बड़ी संख्या में लोग अपनी जानें गंवा रहे हैं। परिवार के परिवार नष्ट हो रहे हैं। इस सम्बंघ में तत्काल कदम उठाये जाने की अवश्यकता है। उन्होंने ऐसी सामग्री पर्वतीय जनपदों में शीघ्र भेजने की मांग की। वहीं, अभी इन सामग्री को भी हरी झंडी दिखाने का इंतजार है। इसी तरह यदि कोई संस्था मेडिकल संबंधी उपकरण दान कर रही है तो पहले उपकरणों को सीएम आवास पहुंचाया जा रहा है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स भेंट करने के ऐसे कई मामलों में पहले सीएम आवास तक सामग्री की परिक्रमा कराई गई।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।