Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 3, 2025

मूल निवास का संघर्ष फिर सड़कों पर, गांधी पार्क में दिया धरना

मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के बैनर तले देहरादून के गांधी पार्क में एक दिवसीय धरना देकर एक बार फिर मूल निवास और सख्त भू कानून की मांग तेज हो गई है। संघर्ष समिति के एक दिवसीय धरने में प्रदेश भर से विभिन्न संगठन के पदाधिकारी और लोग धरने को समर्थन देने पहुंचे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम की शुरुआत उत्तराखंड राज्य आंदोलन के अग्रणी दिवाकर भट्ट की प्रतिमा पर पुष्पांजलि और मौन श्रद्धांजलि के साथ हुई। मूल निवास भू कानून समिति के संयोजक लूशुन टोडरिया ने इस अवसर पर एकजुटता से जनता को आगे आने का आह्वाहन किया। उन्होंने आगे कहा कि मूल निवास हमारा जन्माधिकार है। उत्तराखंड में लगातार बड़ी संख्या में फर्जी स्थायी निवास प्रमाण पत्र बन रहे है जिससे उत्तराखंड के मूल निवासियों की नौकरी में डाका डाला जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

टोडरिया ने भाजपा सरकार से मूल निवास पर अपनी नीति स्पष्ट करने को कहा और भू कानून के दायरे में सभी नगर निकायों में लाने के कहा। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत लाकर एक सशक्त भू कानून और मूल निवास 1950 लागू करने को कहा। टोडरिया ने कहा कि अब मूल निवास भू कानून की यह लड़ाई सरकार से आमने सामने लड़ी जाएगी। सरकार के सभी विधायकों के क्षेत्रों में जाकर उनकर खिलाफ जनता को जागरूक किया जाए। मूल निवास पर विधायकों की चुप्पी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हरिद्वार से लेकर हर्षिल तक मूल निवासियों को एकजुट किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आरटीआई कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने कृषि भूमि को व्यावसायिक भूमि में बदलने की लगातार जारी प्रक्रिया पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शहरों की खेती योग्य भूमि का इस तरह से खत्म होना भविष्य के लिए खतरनाक संकेत है। प्रवक्ता हिमांशु रावत ने कहा कि मूल निवास अब मांगने का नहीं, बल्कि इसे वापस लेने का समय है। उन्होंने सुझाव दिया कि देहरादून के परेड ग्राउंड में बिरसा मुंडा शहर की तरह अन्य राज्यों में भी इंद्रमणि बडोनी नगर, गौरा देवी नगर और श्रीदेव सुमन नगर जैसे नामों पर भी काम होना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

महिला मंच की निर्मला बिष्ट ने कहा कि सरकार ने भू कानून से तमाम नगर निकायों को अलग रखा गया है जिससे पता चलता है कि सरकार चाहती ही नहीं कि उत्तराखंड में मजबूत जमीन का कानून बने । जल जंगल जमीन बचाने की इस लड़ाई में अब सबको एकजुट होना पड़ेगा। प्रमोद काला ने कहा कि मूल निवास और सख्त भू कानून केवल कागजों का विषय नहीं हैं। यह हमारी अस्मिता, सुरक्षा और भविष्य से जुड़ा सवाल है। आज का धरना जनता की चेतावनी है कि अब फैसलों का समय आ गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान ने मूल निवास की मांग पर कहा कि गांधी पार्क में जिस तरह लोग अपने हक के लिए खड़े दिखे, यह साफ संदेश है कि मूल निवास की आवाज अब दबने वाली नहीं है। यह सिर्फ कानून की लड़ाई नहीं, अपने अस्तित्व और पहचान की लड़ाई है। पूर्व महापौर प्रत्याशी दिनेश चंद्र मास्टर ने कहा कि मूल निवास संघर्ष समिति के इस संघर्ष में पूरा उत्तराखंड समर्थन में आयेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संघर्ष समिति के अनिल डोभाल ने कहा कि उत्तराखंड की जमीन पर उत्तराखंडियों का हक सुरक्षित रखना हमारी पहली जिम्मेदारी है। आज का यह धरना आने वाले समय की बड़ी लड़ाई का संकेत है। सरकार को समझना होगा कि जनता अब समझौता करने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है। युवा कलाकार कनिष्क जोशी ने जनगीत के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हिमालय क्रांति पार्टी के अजय बिष्ट, लाल सिंह बिष्ट, गढ़ी पंचायत के प्रधान बॉबी रागँड, बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल, उपाध्यक्ष सुरेश प्रीत सिंह, मनोज कोठियाल, विकास रयाल, संजय सिलस्वाल, सरिता जुयाल,मोनिका बिष्ट, नमन चंदोला, पंकज उनियाल, आशीष नौटियाल, शीशपाल पोखरियाल, उत्तराखंड समानता पार्टी से बी एस भंडारी, एल पी रतूड़ी, बिपिन नेगी, पार्षद सुरेन्द्र सिंह नेगी “सूरी” महावीर राणा, आशुतोष शर्मा, विनोद चौहान, देवेंद्र बेलवाल, मीनाक्षी घिल्डियाल, विनोद पोखरियाल, मीनाक्षी घिल्डियाल, दीप्ति दूधपुरी, मनवीर भंडारी, सत्या प्रसाद कंडवाल, राजेश कुमार, राकेश बिष्ट, कपिल रावत, राकेश नेगी, बिपिन नेगी आदि शामिल रहे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो। यदि आप अपनी पसंद की खबर शेयर करोगे तो ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। बस इतना ख्याल रखिए।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *