Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

June 25, 2025

पंचायत चुनाव करवाना ही नहीं चाहती प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी

उत्तराखंड में आज से शुरू होने वाली त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया को राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में रद्द करने पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि असलियत तो यह है कि प्रदेश की भाजपा सरकार राज्य में पंचायत चुनाव करवाना ही नहीं चाहती थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि शुरू से ही सरकार चुनाव से भाग रही थी और हाईकोर्ट की लताड़ के बाद जब सरकार ने चुनाव करवाने की शुरुआत की, तो उसमें जानबूझ कर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का रोस्टर ही शून्य कर दिया। इसके कारण लोग कोर्ट गए और आज यह नौबत आई कि सरकार को चुनाव ही स्थगित करने पड़े। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने सरकार से सवाल करते हुए जोरदार सियासी हमला बोला। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि उत्तराखंड में पंचायती राज मंत्री कौन है। पंचायती राज अधिनियम की नियमावली कहां और क्या है। धस्माना प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि प्रदेश कि नौकरशाही ने प्रदेश सरकार चला रहे राजनैतिक नेतृत्व को पंगु बना छोड़ा है। इसके कारण आएदिन सरकार की छीछालेदर होती है जिसे राज्य के पंचायती चुनावों को लेकर हो रही है। धस्माना ने कहा कि पहले तो सरकार ने पंचायत चुनाव समय पर ना करवा कर अपनी किरकिरी की। फिर एक अजूबा किया कि जिला पंचायत अध्यक्षों ब्लॉक प्रमुखों व ग्राम प्रधानों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया। फिर दूसरी बार जब प्रशासकों का कार्यकाल खत्म हुआ तो पंचायतों को कई दिनों तक लावारिस छोड़ कर अधिकारियों को प्रशासक बनाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि अब जब उच्च न्यायालय की लताड़ के बाद चुनाव करने का निर्णय लिया तो आरक्षण का रोस्टर ही शून्य करवा दिया। इससे पूरे प्रदेश में असंतोष और आक्रोश फैल गया। इस पर कोर्ट में चुनौती दी गई। धस्माना ने कहा कि जब उच्च न्यायालय ने सरकार से सवाल किया कि पंचायत चुनाव की नियमावली कहां है, तो सरकार ने हास्यास्पद जवाब देते हुए कहा कि नियमावली नोटिफाई हो गई। किन्तु प्रेस वालों ने छापी नहीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सरकार के जवाब से असंतुष्ट न्यायालय ने चुनाव पर रोक लगा दी। धस्माना ने कहा कि यह सरकार का दिमागी दिवालियापन है कि पूरे प्रदेश के लोगों को कोर्ट के स्टे के बाद अब जब नामांकन के लिए चौदह घंटे मात्र बचे थे, तब पता चल रहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव रद्द कर दिए हैं।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page