चिराग और सात्विक की जोड़ी ने रचा इतिहास, एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप का जीता खिताब
सात्विकसाईराज रेंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी ने इतिहास रच दिया। भारतीय जोड़ी ने रविवार को 58 साल के बाद देश को एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब दिलाया। इससे पहले पूर्व भारतीय खिलाड़ी दिनेश खन्ना ने 1965 में पुरुष एकल में स्वर्ण पदक दिलाया था। उन्होंने लखनऊ में फाइनल में थाईलैंड के सांगोब रत्तानुसोर्न को हराया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सात्विक साईराज-चिराग शेट्टी की जोड़ी ने प्रतिष्ठित एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में नया रिकॉर्ड बनाया है। ये चैंपियनशिप दुबई में आयोजित की गई। 58 साल बाद दोनों ने इस मेगाटूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने वाले भारतीय शटलर के रूप में इतिहास रचा। पुरुष युगल में यह भारत का पहला स्वर्ण है। इससे पहले दिनेश खन्ना 1965 में पुरुष एकल चैंपियन बने थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रविवार को पुरुष युगल फाइनल में सात्विक-चिराग की जोड़ी ने आंग ये सिन-तोई यी (मलेशिया) की आठवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी के खिलाफ 16-21, 21-17, 21-19 से जीत दर्ज की। पहला गेम हारने के बाद, भारतीय शटलरों ने वापसी की और लगातार गेम में विपक्षी को कुचल दिया। 1971 में भारत की दीपू घोष-रमन घोष की जोड़ी ने आखिरी बार एशियन चैंपियनशिप डबल्स में ब्रॉन्ज जीता था। पारी के बाद फिर भारतीय जोड़ी ने डबल्स में मेडल जीता। इस साल अनोखे फॉर्म में चल रही सात्विक-चिराग जोड़ी ने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी इसी गति को जारी रखेंगे और अधिक से अधिक सफलताएं हासिल करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोनों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- सात्विकसाईराज रेंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी के इतिहास रचने पर सभी को गर्व है। दोनों खिलाड़ियों को बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भी जीता था स्वर्ण
पुरुष युगल में दुनिया की छठे नंबर की सात्विक-चिराग की जोड़ी ने इससे पहले बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारत को पुरुष युगल में स्वर्ण पदक दिलाया था। इन दोनों ने देश को पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष युगल में स्वर्ण पदक दिलाया था। तब सात्विक और चिराग ने फाइनल में इंग्लैंड के बेन लेन और सीन वेंडी की जोड़ी को 21-15, 21-13 से हराया था।
नोटः यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।