नया संशोधित भू कानून जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला, दो जिले और एक सौ बारह नगर निकाय क्षेत्र भू कानून से बाहरः सूर्यकांत धस्माना
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उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राज्य की धामी सरकार की ओर से बजट सत्र में नए संशोधित भू कानून को पास करवाए जाने को केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला कानून बताया। साथ ही उन्होंने एनडी तिवारी सरकार वाले भू कानून को जस का तस लागू करवाने की मांग की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि नए संशोधित भू कानून में धामी सरकार ने दो महत्वपूर्ण जिले हरिद्वार और उधम सिंह नगर व राज्य के एक सौ बारह नगर निकाय क्षेत्रों में को बाहर रखा गया। इससे साफ हो गया कि भाजपा सरकार राज्य के मूल निवासियों की भावनाओं और उनकी सांस्कृतिक धरोहर, उनके जल जंगल व जमीन के संरक्षण के प्रति बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली निर्वाचित कांग्रेस सरकार जो कि एन डी तिवारी जी के नेतृत्व में बनी थी, उसने राज्य के पर्वतीय स्वरूप व राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और जल जंगल जमीन को धन पशुओं से बचाने के लिए राज्य को बेहतरीन भू कानून दिया था। उस कानून को 2017 में भाजपा सरकार गठन के बाद त्रिवेंद्र तीरथ व धामी सरकारो ने संशोधनों के माध्यम से निष्प्रभावी कर दिया। 2018 से आज तक राज्य की बहुमूल्य जमीनें राज्य से बाहर के लोगों ने धनबल के बल पर खरीद लीं। इसके कारण आज राज्य भर में जनता में भरी आक्रोश व्याप्त है और राज्य का युवा वर्ग महिलाएं और अब तो आम जन राज्य के लिए एक सख्त भू कानून की मांग को लेकर आंदोलनरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि धामी सरकार ने जनता के आक्रोश को शांत करने के लिए सख्त भू कानून का शिगूफा छोड़ा और अब बजट सत्र में एक संशोधित भू कानून विधानसभा में ला कर पारित करवा लिया, जो एक लंगड़े लूले कानून के रूप में बेमतलब पास करवा दिया गया। यह कानून राज्य के दो अति महत्वपूर्ण जिलों हरिद्वार और उधम सिंह नगर व राज्य के नगर निकाय क्षेत्रों में प्रभावी ही नहीं होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि धामी सरकार की मंशा अगर राज्य को एक सशक्त भू कानून देने की होती तो वे वर्ष 2017 से लेकर 2024 तक तिवारी सरकार के भू कानून में किए गए सभी संशोधनों को रद्द कर पूरे राज्य के लिए एक भू कानून बनाती। साथ ही 2018 से 2024 तक पुराने कानून का उल्लंघन कर बाहरी लोगों द्वारा खरीदी हुई सारी भूमियों की जांच करवा कर उस भूमि को राज्य सरकार में निहित करवाती। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना ने बजट सत्र में प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा की गई अभद्रता प्रकरण में कहा कि जानबूझकर प्रदेश में पहाड़ी बनाम मैदानी का विभाजन किया जा रहा है। इसके लिए पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी व उनकी सरकार जिम्मेदार है। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा में गाली प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी अब तक खामोश है और उसने ना ही मंत्री से इस प्रकरण पर कोई सफाई मांगी है। ना ही उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि इससे ज्यादा अफसोसनाक विधानसभा अध्यक्ष का व्यवहार है। उन्होंने ना तो गाली दे रहे मंत्री को रोका और ना ही उनसे माफी मांगने को कहा, बल्कि उल्टा कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला को इस मुद्दे पर बोलने नहीं दिया। उनको बुरी तरीके से डांटने का कार्य किया। मंत्री के इस उटपटांग बयान से व विधानसभा अध्यक्ष के रवैया व सत्ताधारी दल की खामोशी से यह साबित हो रहा है कि भाजपा ने जानबूझ कर राज्य की जनता को पहाड़ी बनाम मैदानी में विभाजित करने का षडयंत्र रचा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि कांग्रेस इस पूरे प्रकरण में मांग करती है कि भाजपा अपने मंत्री को अपने इस कुकृत्य के लिए माफी मांगने के निर्देश दे। अन्यथा मुख्यमंत्री मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के आदेश दें।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।