सच साबित हुआ आचार्य का गणित, बदले गए सीएम, अब बन रहे ये योग, नेतृत्व के लिए हो सकते हैं विध्वंशकारी, करें ये उपाय
आचार्य डॉ. संतोष खंडूड़ी की ज्योतिष गणना और भविष्य को लेकर दी गई चेतावनी सच साबित हुई। 31 दिसंबर और 22 फरवरी को लोकसाक्ष्य में प्रकाशित खबरों के जरिए उन्होंने ग्रह योग के मद्देनजर बड़े नेतृत्व के लिए वर्ष 2021 को खतरा बताया था। जो कि उत्तराखंड में सही साबित हुआ और उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन हुआ। नौ मार्च को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा दिया। दस मार्च को तीरथ सिंह रावत को विधानमंडल दल का नेता चुना गया और उसी दिन उन्होंने सीएम पद की शपथ ली। जब भविष्यवाणी की गई थी, उस समय उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की कोई भी सुगबुगाहट तक नहीं थी।
ये की थी भविष्यवाणी
31 दिसंबर को आचार्य ने भविष्यवाणी की थी कि यह साल श्रेष्ठ नेतृत्व से भरपूर रहेगा। तरल पदार्थों के भाव में वृद्धि रहेगी। धन, धान्य, साग, सब्जी, अनाज के अभाव के कारण इनके भावों में वृद्धि रहेगी। मौसम में भी समय समय पर परिवर्तन देखे जाएंगे। समय के अनुसार आहार, व्यवहार पर अंकुश लगाएं। अन्यथा रोगों में वृ्द्धि होगी। चांदी का भाव बढ़ेगा। सामाजिक दृष्टिकोण से परस्पर दूरी बनाने की स्थिति बनाए रखे। इसके कारण भी रोगों में वृद्धि हो सकती है। बड़े नेतृत्व के कलंकित रहने की भी संभावनाएं बन रही हैं। हालांकि आचार्य ने उत्तराखंड को लेकर ये भविष्यवाणी नहीं की। उन्होंने सामाजिक, राजनीति व अन्य रूप से नेतृत्व करने वाले सभी लोगों को आगाह किया था, जो हिंदू धर्म या फिर ज्योतिष विद्या को मानते हैं। फिलहाल ये भविष्यवाणी सटीक बैठी।
फिर किया आगाह, बन रहे ये योग
आचार्य के मुताबिक अब सूर्य का शुक्र ग्रह के साथ मीन राशि पर गोचर करना, ठीक उसी प्रकार से चंद्रमा का वृष राशि पर मंगल और राहुल के साथ गोचर करना, नेतृत्व को भ्रमित करने का योग बनाता है। इसमें स्पष्टतया काल सर्प योग बन रहा है। इसके साथ अंगारक योग भी बन रहा है। जो कि विध्वंशकारक है। इसमें किसी भी नेतृत्व को सावधान रहने की आवश्यकता है।
उन्होंन कहा कि इसमें सामाजिक व राजनीतिक द्वंद्व खड़ा हो सकता है। क्योंकि द्वंद्व का कारक ही अंगारक है। इसमें नेतृत्व को सावधानी के साथ कार्य करने की अति आवश्यकता है, जबकि विशुद्ध चंद्रमा वृष राशि पर गोचर कर रहा है। विशुद्ध हृदय वाला नेतृत्व भी ऐसी स्थिति में भटक सकता है। क्योंकि इसमें चंद्रग्रहण और अंगारक योग बन रहा है।
ये करें उपाय
शनि देव की पूजा, गोमाता की सेवा, गंगा की सेवा, स्त्रियों सम्मान व देवी की आराधना ही श्रेष्ठ उपाय है। यही एकमात्र ऐसी परिस्थिति से उबरने का सरल और श्रेष्ठ साधन है।
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आचार्य का परिचय
आचार्य डॉ. संतोष खंडूड़ी
(धर्मज्ञ, ज्योतिष विभूषण, वास्तु, कथा प्रवक्ता)
चंद्रविहार कारगी चौक, देहरादून, उत्तराखंड।
फोन-9760690069
-9410743100
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।