हृदय पर गंभीर दबाव बना रहा था विशाल ट्यूमर, सांस लेने में थी परेशानी, हिम्स जौलीग्रांट में सर्जरी कर निकाला
देहरादून में डोईवाला क्षेत्र स्थित हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (हिम्स), जौलीग्रांट के कार्डियो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने एक युवक की छाती से 18 सेंटीमीटर का विशाल ट्यूमर सफलतापूर्वक निकालकर उसे नया जीवन दिया है। यह ट्यूमर हृदय पर गंभीर दबाव बना रहा था, जिससे मरीज को लंबे समय से सांस लेने में परेशानी हो रही थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हिम्स जौलीग्रांट के कार्डियक सर्जन डॉ. अक्षय चौहान ने बताया कि विकासनगर (देहरादून) निवासी 35 वर्षीय रमेश चंद पिछले कई वर्षों से सांस फूलने और सांस लेने में कठिनाई की समस्या से जूझ रहे थे। कई अस्पतालों में उपचार के बावजूद उन्हें राहत नहीं मिल पाई। इसके बाद वे हिम्स जौलीग्रांट पहुंचे, जहां विस्तृत जांच और सीटी स्कैन में उनकी छाती में 18 सेंटीमीटर का अत्यंत बड़ा ट्यूमर पाया गया, जो उनके हृदय को बुरी तरह दबा रहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जटिल और उच्च जोखिम वाली सर्जरी
डॉ. चौहान ने बताया कि इतने बड़े और हृदय के अत्यंत समीप स्थित ट्यूमर को निकालना बेहद जटिल और उच्च जोखिम वाली चुनौती थी। इसके बावजूद हिमालयन अस्पताल की अनुभवी कार्डियक सर्जरी टीम ने सर्जरी का निर्णय लिया। करीब छह घंटे तक चले इस मैराथन ऑपरेशन के दौरान ट्यूमर को अत्यंत सावधानीपूर्वक हटाया गया। साथ ही, हृदय और छाती से जुड़ी महत्वपूर्ण रक्त नलिकाओं को सुरक्षित अलग करते हुए उनका सफल पुनर्निर्माण भी किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ
सर्जरी के बाद मरीज को तीन दिनों तक आईसीयू में निगरानी में रखा गया। चिकित्सकीय टीम के अथक प्रयासों से मरीज की स्थिति में लगातार सुधार हुआ और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उल्लेखनीय है कि रमेश चंद का पूरा उपचार आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया गया, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार का आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सर्जरी को सफल बनाने वाली टीम
इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी को सफल बनाने में डॉ. अक्षय चौहान के साथ डॉ. भावना सिंह, डॉ. संजय सिंह, डॉ. पूजा आहूजा, डॉ. रजत रावत, सीटिवीएस ओटी एवं आईसीयू टीम के संजय थपलियाल, प्रमोद, अजय, दिवाकर, सुजाता, सैफवन, संजय, प्रभात, शुभम, आयुष, सुनील गुप्ता तथा समस्त नर्सिंग एवं तकनीकी स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।



