Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 7, 2025

पर्वतीय मैदानी एकता मंच ने आंदोलन के शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित

उत्तराखंड में राज्य स्थापना की रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य में पर्वतीय मैदानी एकता मंच प्रदेशभर में राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित करने के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। “शहीद सम्मान समारोह वीक” के तहत देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारियों के साथ ही शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। इस दौरान पहाड़ी मैदानी एकता का संकल्प लिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

“शहीद सम्मान समारोह वीक” के तहत आनंदी नेगी, उर्मिला देवी, मीना देवी, शत्यावती देवी, सुलोचना पंत, शकुन्तला देवी, देवेश्वरी देवी, यशोदा देवी, पदमा रावत, सुरेशी सकलानी, परमेश्वरी देवी, प्रमिला पंत एवं कौशल्या पंत को सम्मानित किया गया। इस दौरान सशक्त और सामाजिक एकता की मिसाल उत्तराखंड को बनाने और पर्वतीय मैदानी भाईचारे के साथ सर्वोत्तम उत्तराखंड बनाने का संकल्प दोहराया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

आंदोलनकारियों ने एक सुर में कहा कि प्रदेश का निर्माण हमारे शहीदों ने अपनी जान देकर किया था और उनके सपनों का उत्तराखंड बनाना आज भी हमारी जिम्मेदारी है। क्योंकि उनके सपने आज भी अधूरे है जिसको सभी लोग मिलकर पूरा करेंगे। सम्मान समारोह में पर्वतीय मैदानी एकता मंच की महासचिव और ट्री वीमेन के नाम से मशहूर लक्ष्मी अग्रवाल ने आंदोलनकारियों का आह्वान किया कि वो उत्तराखंड के शिल्पकार हैं। इसलिए उनके अनुभव , विचार और सुझाव प्रदेश हित में हमेशा बहुमूल्य रहे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि आज जो लोग प्रदेश को पर्वतीय और मैदान के बीच बाँट कर प्रदेश की एकता और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं, उससे सावधान रहने और बचने की जरुरत है। लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान बहुत बार ऐसे मौके आए, जब देश ने देखा था कि जन आंदोलन और जन एकता से बढ़कर कोई ताकत नहीं होती है और वही इतिहास बनाते हैं।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो। यदि आप अपनी पसंद की खबर शेयर करोगे तो ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। बस इतना ख्याल रखिए।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *