जिन हाथों ने कभी थामा डंडा और उठाई बंदूक, वे पिरो रहे हैं अक्षरों से कहानी, दून में जुटेंगी ऐसी हस्तियां

अपराध से संबंधित फिल्म और किताबों पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन देहरादून में तीन से पांच नवंबर को किया जा रहा है। यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। इसे क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल ऑफ इंडिया (CLFI) का नाम दिाय गया है। इसका आयोजन देहरादून के वेल्हम बॉयज स्कूल में किया जा रहा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि पुलिस की नौकरी के दौरान जिन हाथों ने कभी डंडे और बंदूक थामी, वही हाथ आज कलम के धनी हैं। साथ ही वे अक्षरों से कहानी पिरो रहे हैं। यानि अपराध से संबधित किताबों के लेखकों में सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी भी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में आयोजित होने वाले समारोह में जानेमाने लेखक, फिल्म निर्माता, कलाकार और पुलिस अधिकारी भाग लेंगे। इस समारोह का मुख्य उद्देश्य यह है कि नागरिक इस बात को जान सकें कि अपराध होने के पीछे कौन लोग हैं। अपराधियों की मानसिक स्थिति क्या होती है। वह यह जान सकें कि अपराध से निपटने के लिए क्या रणनीति कारगर हो सकती है। अपराध साहित्य को पढ़ने से अपराध से जुड़े कई प्रश्नों के उत्तर मिल जाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में साहित्यकार अपनी जानकारियों को साझा करेंगे और पुलिस अधिकारी बताएंगे कि किस तरह जटिल और सनसनीखेज अपराधों की विवेचना की गई। नागरिक किस प्रकार पुलिस के साथ मिलकर अपराधियों का सामना कर सकते हैं। इस पर भी प्रकाश डाला जायेगा। खास बात ये है कि अपराध पर आधारित साहित्य आदिकाल से लिखा जा रहा है। हाल के दिनों में अनेक बहुचर्चित फिल्में और वेब सीरीज दर्शकों ने पसंद की है। फिल्म हस्तियों की मौजदूगी में जब लेखक अपनी किताबों की बात करेंगे तो इन दोनों के बीच बहुत उपयोगी सामंजस्य बनेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वीडियो के माध्यम से जानिए कार्यक्रम के बारे में
लेखन के धनी भी हैं पुलिस अधिकारी
चाहे सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी हों, या फिर वर्तमान में कार्यरत। इनमें ऐसे लोगों की लंबी लिस्ट है, जो लेखन के धनी हैं। ऐसी कई नामी गिरामी हस्तियां इस समारोह में शामिल हो रही हैं। केंद्रीय रिजर्व बल के पूर्व डीजी विजय कुमार वीरप्पनः चेंजिंग द ब्रिगेड’ के लेखक हैं। वहीं, ‘शहर में कर्फ्यू, रामगढ़ में हत्या’ के लेखकर विभूति नारायण राय, ‘द बाराबंकी नारकोज़, मर्डर इन द बाईलेंस और ऑन द ट्रेल ऑफ ठग्स एंड थीब्ज’ के लेखक एवं पूर्व डीजीपी आलोक लाल, खाकी में इंसान और साइबर एनकाउंटर्स के लेखक एवं उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, अकॉप इन क्रिकेट, खाकी फाइल्स के लेखक एवं दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर नीरज कुमार, नवनीत सिकेरा (एडीजीपी) और बिहारी डायरीज, लाइफ इन यूनिफॉर्म के लेखक अमित लोढ़ा (इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस ) अपने अनुभवों को साझा करेंगे। इस साहित्य समारोह के डायरेक्टर भूतपूर्व आईपीएस आलोक लाल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये भी हस्तियां जुटेंगी
इनके साथ ही अपराध से जुड़े लेखन और फिल्मों की अन्य हस्तियां भी समारोह में भाग लेने के लिए देहरादून पहुंच रही हैं। इसमें लेखकों में एम हुसैन जैदी (डांगरी टू दुबई, माफिया क्वींस ऑफ मुंबई, ब्लैक फ्राइड), किरन मनराल (द किटी पार्टी मर्डर, मिसिंग-प्रिज्यूम्ड डेज) और अनिर्बान भट्टाचार्य (द डेडली डज़न, इंडिआज़ मनी हाइस्ट) के लेखक इत्यादि हैं। फिल्मों की दुनिया में आने वालों में राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत निर्देशक सुजॉय घोष (कहानी, जानेजान) और संजय गुप्ता (शूटआउट एट लोखंडवाला, आतिश, कांटे), अभिनेता अविनाश तिवारी (खाकीः द बिहार चैप्टर बंबई मेरी जान) और राजश्री देशपांडे (सेकेंड गेस्म, ट्रायल बाई फायर) आदि शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इनके सहयोग से हो रहा है कार्यक्रम
इस पहल को आकार देने में हंस फाउंडेशन (Hans Foundation ) एवं तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)ने बड़ा योगदान है। क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल ऑफ इंडिया उन सभी श्रोताओं के लिए है, जो अपराध संबधित साहित्य और फिल्मों में रुचि रखते हैं।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।