बजट पर पीठ थपथपा रही सरकार, कर्ज में डूबे परिवार के पास ना था अन्न का दाना, सुसाइड नोट से खुला चार की मौत का राज
उत्तराखंड में सरकार ने 15 मार्च को आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया और इसके सरकार के साथ ही बीजेपी संगठन बजट की खूबियां जुटाने में जुट गया। खुद पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का बजट पेश होने के दिन लंबा चौड़ा बयान आया। इसके बाद फिर दोबारा उन्होंने इसकी खूबियां गिनाते हुए पत्रकार वार्ता की। इसी तरह पूरा संगठन और सरकार के मंत्री, विधायक प्रदेशभर में जगह जगह बजट की खूबियां गिना रहे हैं। जैसे प्रदेश में अब हालात पूरी तरह से बदल जाएंगे। इसके विपरीत उत्तराखंड के बागेश्वर में एक परिवार के चार लोगों में मां और तीन बच्चों की मौत ने सरकार के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी दै। गरीबी भूखमरी के चलते इस परिवार में एक मां ने तीन बच्चों के साथ जहर खाकर आत्महत्या कर ली। एक परिवार के चार लोगों की आत्महत्या ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या सरकार की योजनाओं का लाभ हर गरीब हो मिल रहा है या नहीं। यदि मिल रहा है कि इस परिवार के घर ना ही गैस का सिलेंडर था और ना ही अन्न का एक दाना ही बचा हुआ था। प्रदेश के विकास के नाम पर बजाते रहो ताली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बताया जा रहा है कि परिवार पूरी तरह से कर्ज में डूबा हुआ था। तीन बच्चों को जहर देकर खुद भी जान दे देने वाली दलित महिला नीमा देवी ने सरकार समेत तमाम उन लोगों की पोल खोलकर रख दी है, जो खुद को गरीबों का झंडाबरदार होने का दावा करते हैं। पुलिस जब चार लाशों को बरामद करने के लिए घिरौली जोशीगांव में भूपाल राम के यहां पहुंची तो घर पर गैस का चूल्हा तो मिला पर न सिलेंडर नहीं था। न ही, अनाज का एक भी दाना। भूपाल राम की तेरह साल की बेटी ने मां के साथ जान देने से पहले छह पेज का सुसाइड नोट लिखा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
16 मार्च को की शाम बागेश्वर जिले की कपकोट तहसील के शामा निवासी भूपाल राम घिरौली जोशीगांव में गोविंद बिष्ट के बंद मकान के समीप कुछ युवक पानी की लाइन ठीक करने पहुंचे। उन्हें वहां दुर्गंध का एहसास हुआ। इसकी सूचना पुलिस को पहुंची। पुलिस ने जब दरवाजा तोड़ा तो भीतर महिला और उसके तीन बच्चों के शव पड़े थे। महिला का पति गायब मिला। मूल रूप से कपकोट के भनार गांव निवासी भूपाल राम का परिवार इस मकान में किराये पर रहता था। मकान के भीतर भूपाल राम की पत्नी नीमा देवी (40), पुत्री अंजलि (14), पुत्र कृष्णा (8), पुत्र भाष्कर (5-6 माह) के सड़े गले शव बरामद हुए थे। मौके पर भूपालराम के मौजूद नहीं होने पर उसी पर हत्या का संदेह जताया गया। भोपालराम गोविंद बिष्ट के मकान पर परिवार के साथ किराए में रह रहा था। गोविंद बिष्ट देहरादून रहते हैं। माना गया कि होली के दिन आठ मार्च को चारों की मौत हुई होगी। क्योंकि होली के दिन इस परिवार का कोई सदस्य ग्रामीणों ने नहीं देखा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऐसे खुला मौत का राज
जोशीगांव में महिला सहित तीन बच्चों की मौत का राज कई पन्नों के सुसाइड नोट से खुला। इसे मृतका की 14 वर्ष की बेटी अंजलि ने लिखा था। आत्महत्या के लिए प्रेरित करने पर एक महिला के विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। आर्थिक तंगी और देनदारी से परिवार परेशान था। लोग पैसा मांगने घर आ रहे थे। उनकी मां मानसिक रूप से परेशान और दवाब में थी। पिता घर पर आ रहे पैसा मांगने आने वालों से परेशान थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस पर भी सहयोग ना करने का आरोप
सुसाइड नोट में लिखा है कि लोकल पुलिस ने सहयोग नहीं किया। इसमें घर आकर पैसा मांगने वाले कुछ लोगों के नाम भी लिखे हुए हैं। पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार वर्मा ने कहा कि सुसाइड नोट का अवलोकन करने के लिए टीम बना दी गई है। सुसाइड नोट की राइटिंग मिलाने के लिए अंजलि की कॉपी भी ली गई है। जिसकी जांच राइटिंग एक्सपर्ट से कराई जाएगी। पुलिस का सहयोग नहीं मिलने पर एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है। विवेचना कपकोट कोतवाली और सीओ को सौंपी गई है। लापरवाही पर विभागीय जांच की जा रही है। विवेचना में अन्य तथ्य सामने आने अग्रिम कार्रवाई होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोविड के बाद हालत हुए खराब
एसपी ने बताया कि भूपाल राम ने तीन चार माह पूर्व मोबाइल भी बेच दिया था। वर्तमान में उसके पास मोबाइल भी नहीं था। उसके पास खाने के पैसे भी नहीं थे। घर में राशन भी नहीं था। वह एक मार्च से बच्चों के साथ नहीं था। वह अपने गांव की तरफ चला गया था। वह उधारी का पैसा मांग रहे लोगों से बचने की कोशिश कर रहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
परिवार के मुखिया भूपाल राम के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी का केस पंजीकृत है। पुलिस के अनुसार, वह कई लोगों से ठगी कर चुका था। इसी कारण लोगों और पुलिस से छुपता-छुपाता था। उसने पूछताछ में बताया कि कोविडकाल के बाद उसके परिवार के हालत खराब चल रही थी। उसने कई लोगों से पैसा लिया। वह उधारी में फंसता गया। एक महिला से उसे चार लाख रुपये लिए थे। उसने महिला के पुत्र को नौकरी में लगाने का झांसा दिया था। इसकी प्राथमिकी कोतवाली में दर्ज है। छह माह पूर्व ही उससे समझौता हो गया था, लेकिन वह पैसों के लिए लगातार दबाव बना रही थी। पुलिस भूपाल से पूछताछ में जुटी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुसाइट नोट में यह भी लिखा
14 वर्ष की अंजलि ने लगभग 12 पेज का सोसाइट नोट लिखा है। बड़े अक्षर होने से पेज बढ़ गए। जिसमें उसने लिखा है कि उसकी मम्मी सल्फास लेकर आई है। वह आर्थिक तंगी और देनदारी से परेशान हैं। उनके परिवार वाले अच्छे हैं। उनके चाचा को उनके शव सौंप देना। इसके अलावा भी बहुत कुछ लिखा है, जांच के दौरान सभी तथ्य सामने आ सकेंगे।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।