भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के मामले में सरकार ने दिया ये जवाब, हाईकोर्ट ने रिट दायर करने वाले से मांगा प्रतिशपथ पत्र
उत्तराखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक मदन कौशिक के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से प्रति शपथ पत्र देने को कहा है।

कोर्ट में हरिद्वार नगर निगम और जिलाधिकारी की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि अब तक पुस्तकालय का संचालन शुरू नहीं हुआ है। ना ही किसी संस्था को हस्तांतरित हुए हैं। याचिका में कहा गया था कि हरिद्वार विधायक रहते हुए मदन कौशिक ने साल 2010 में अपनी विधायक निधि से 16 पुस्तकालयों के निर्माण के लिए डेढ़ करोड़ रुपए जारी किए थे। आज तक पुस्तकालय नहीं बनाए गए। आरोप है कि डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान जारी दिया गया। जिन स्थानों पर पुस्तकालय होने दर्शया गया है वहां पर बारातघर, निजी आवास, धर्मशालाएं आदि हैं।
इस मामले में कार्यदायी संस्था ग्रामीण अभियंत्रण सेवा है। आरईएस के तत्कालीन इंजीनियर ने बिना अस्तित्व में आए ही इन पुस्तकालयों का निरीक्षण किया और तत्कालीन सीडीओ ने डेढ़ करोड़ रुपए का पूरा भुगतान जारी कर दिया। मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई थी। बुधवार 30 जून को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी सच्चिदानंद डबराल को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की ओर से जवाब पेश कर कहा गया है कि याचिका राजनीति से प्रेरित है। इस मामले का निस्तारण हो चुका है। उसे बेवजह फिर लाया जा रहा है। सरकार ने गड़बड़ी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।