कई बार ध्यान दिलाने के बाद नहीं जागी सरकार, परिणाम सबके सामने, सरकारी आंकड़ों से ज्यादा हुआ नुकसानः यशपाल आर्य

यशपाल आर्य ने कहा कि जोशीमठ में बड़ा नुकसान हुआ है। सरकार जो आंकड़े जारी कर रही है, नुकसान उससे भी कहीं ज्यादा हुआ है। हकीकत तो यह है कि विकास के नाम पर जोशीमठ विनाश की कगार पर पहुंच गया है। सैकड़ों परिवार वहां बेघर होने जा रहे हैं। अच्छा तो यह होता कि सरकार पहले से ही भूगर्भ शास्त्री और वैज्ञानिकों की टीम लेकर जोशीमठ के हालातों का जायजा ले लेती। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जोशीमठ में जितने भी परिवार बेघर हो रहे हैं, सरकार को उनके पुनर्वास की व्यवस्था तुरंत करनी चाहिए। उसके बाद जो भी प्रोजेक्ट वहां चल रहे हैं, जिनकी वजह से खतरा बताया जा रहा है, उनके संबंध में कोई ठोस निर्णय लिया जाना चाहिए। आपदा को लेकर कांग्रेस सरकार पर देरी से जागने का आरोप लगा रही है, वहीं, बीजेपी इसे कांग्रेस की ही हीलाहवाली बता रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा है कि ने कहा कि जोशीमठ भू धंसाव पर प्रवचन कर रही कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि 1976 की जिस रिपोर्ट को लेकर वह सरकार पर सवाल उठा रही है, उसने पूर्व के अधिकांश कार्यकाल मे इस पर क्या कार्य किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जिस कालखंड मे यह रिपोर्ट आयी, उसके बाद तो अधिकांश समय कांग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष शासन में रही है। इसलिए उसे बताना चाहिए कि उन्होने रिपोर्ट के अनुसार कौन कौन से प्रशासनिक, वैज्ञानिक या तकनीकी उपाय जोशीमठ मे क्रियान्वित किये। उन्होंने कहा कि इस आपदा के समाधान व प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर काम करने में जुटी है। वहीं विपक्ष आपदा में अवसर तलाशते हुए सरकार को बदनाम करने के प्रयासों में जुटा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरक रहा है जोशीमठ
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में तबाही का खतरा गहराने लगा है। यहां जमीन धंसने के कारण 600 घरों में दरारें आ गई हैं। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में लगभग 600 परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दिया गया है। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। जोशीमठ औली मार्ग आवागमन भी बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।