उपनल कर्मियों के साथ सरकार ने फिर की वादाखिलाफीः धस्माना
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि 22 अप्रैल गुजर गई, किन्तु उपनल कर्मियों के लिए की गई कोई भी घोषणा अमल में नहीं आयी।

55 दिन पुराने उपनल कर्मचारियों के आंदोलन को समाप्त करवाने आधी रात धरना स्थल पहुंचे तीरथ मंत्रीमंडल के दो मंत्रियों को उपनल कर्मियों के समक्ष किये गए अपने वायदों और घोषणाओं को या तो तत्काल पूरा करवाना चाहिए या अपने पदों से त्यागपत्र दे देना चाहिये। ये बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आज अपने कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कही।
धस्माना ने कहा कि यह बेहद अफसोसनाक बात है कि उपनल कर्मियों ने अपनी नौकरी ताक पर रखकर 55 दिनों का ऐतिहासिक आंदोलन चलाया और 56वें दिन 17 मार्च को मुख्यमंत्री कूच आयोजित किया। जब लग रहा था कि सरकार झुक जायेगी और उपनल कर्मियों के संघर्ष का कोई सकारात्मक नतीजा निकलेगा, तब वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत व सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने न केवल उपनल कर्मियों को उनकी जायज मांगों पर सहमति जताते हुए 22 अप्रैल को कैबिनेट की एक सब कमेटी गठित करने का ऐलान किया, बल्कि राज्य कर विभाग से निकले गए कर्मचारियों को वापस लेने व हड़ताल के 55 दिनों का वेतन देने की भी घोषणा की।
धस्माना ने कहा कि 22 अप्रैल गुजर गई, किन्तु उपनल कर्मियों के लिए की गई कोई भी घोषणा अमल में नहीं आयी। एक बार फिर उपनल कर्मियों के साथ सरकार ने छलावा किया है। झूठी घोषणाएं करके केवल उनकी हड़ताल तुड़वाने लिए। धस्माना ने कहा कि उपनल कर्मी सरकार की चाल समझ नहीं पाए और मंत्रियों की चिकनी चुपड़ी बातों व झूठे क्रांतिकारी भाषणों में फंस कर अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। अब सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है, जिससे कर्मचारियों में बेचैनी भी है और असंतोष भी। धस्माना ने कहा कि सरकार को तत्काल उपनल कर्मचारियों की जायज मांगों को मान कर उनके साथ इंसाफ करना चाहिए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बादा खिलापी वाली सरकार है यह.