धूमधाम से मनाया गया अखिल गढ़वाल सभा का स्थापना दिवस, सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन

अखिल गढ़वाल सभा का स्थापना दिवस सभा भवन में धूम धाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। स्वागत करते हुए सभा अध्य्क्ष रोशन धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति को संजोए रखने में और लोककला को आगे बढ़ाने में सभा की अहम भूमिका रही है। आगे भी बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अक्टूबर में सभा द्वारा 10 दिवसीय भव्य कौथिग आयोजित करने का विचार है। उन्होंने इस अवसर पर भारत की स्वर साम्राज्ञी लता जी को भी याद करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभा के महासचिव गजेंद्र भंडारी ने कहा कि सभा की रायपुर स्थित भूमि पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और निकट भविष्य में हरिपुर नवादा स्थित भूमि पर भी निर्माण कार्य के लिए पहल कर दी है।
इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रारंभ संगीता ढोंडियाल, सुनीता भट्टट और मेघा डंगवाल के मांगल गीत के साथ हुआ। इसके पश्चात मेघा डंगवाल ने लता मंगेशकर जी का गीत रहे ना रहे हम महका करेंगे गाया। प्रसिद्ध लोकगायिका और सभा की महिला कल्याण सचिव संगीता ढौंडियाल द्वारा लता जी को श्रद्धांजलि देते हुए उनका गढ़वाली गीत मन भरमैगे मेरु प्रस्तुत किया। इसके बाद उन्होंने ढोल दमाऊ बाजी गेन और गाया।
अजय जोशी ने अपणी तो शर्मीली आंखयूं और लता जी का लग जा गले, सात समोदर पार च जाणु गाया। आलोक मलासी ने भारत माँ को प्यारो उत्तराखंड हमारो गाया, लोकगायक चंद्र दत्त सुयाल ने, जनसेवक छौं गाया। सुनीता भट्ट ने कुर्मांचल केदारखंड और बसंत गीत गाया, लोकगायक चंद्र दत्त सुयाल ने, जनसेवक छौं और देहरा दून राजधानी बनिगे गाया।। अध्यक्ष रोशन धस्माना ने एकता का संदेश देते हुए जौं भयूँ की होनी होली गाया। हेमचंद्र सकलानी ने कविता देवी यूँ कु जख छ घर अपणु पाठ किया। सांस्कृतिक संध्या में ऑर्गन पर सुरेंद्र सिंह व ढोलक पर प्रदीप पहाड़ी ने संगत की।
अंत मे धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट ने कहा कि सभा बहुत अच्छा काम कर रही है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करी की सभा समाज के कार्यों में भी सकारात्मक उर्जा के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा रही है।
इस अवसर पर कोषाध्यक्ष संतोष गैरोला, सहसचिव दिनेश बौड़ाई के अतिरिक्त संगठन सचिव डॉ. सूर्य प्रकाश भट्ट, विधि सचिव अब्बल सिंह नेगी, सांस्कृतिक सचिव पंडित उदय शंकर भट्ट, साहित्य सचिव हेम चंद सकलानी, दिनेश सकलानी, द्वारिका बिष्ट, प्रबंध सचिव बीरेंद्र असवाल, पंडित दामोदर सेमवाल, मकान सिंह असवाल, मोहन खत्री, दअयाल भंडारी, विजय जुयाल ,सीमा नेगी, हेमलता नेगी, कमलेश्वरी बडोला, सरोजिनी चौहान, रजनी, शांता नेगी आदि उपस्थित रहे।
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।