ग्राफिक एरा में साथ जाने की जिद से परिवार की जान बची, यूनिवर्सिटी ने पूरी शिक्षा की निशुल्क, फोटो में देखें घर की हालत

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली की जाह्नवी पंवार की मम्मी पापा को देहरादून में ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी अपने साथ ले जाने की जिद ने उसके परिवार की जान बचा ली। जाह्नवी का घर और उनके पापा का होटल धराली के हादसे में नष्ट हो गए। वहीं, उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणीय संस्थान ग्राफिक एरा ने जाह्नवी की पूरी शिक्षा निशुल्क करने की घोषणा की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जाह्नवी का परिवार उत्तरकाशी के धराली में खुशहाल जिंदगी बसर कर रहा था। जाह्नवी ने इस साल 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। वह आगे की पढ़ाई के लिए ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में बीए ऑनर्स में एडमिशन लेने देहरादून आई थी। जाह्नवी ने एडमिशन के लिए मम्मी पापा के साथ यूनिवर्सिटी जाने की जिद की। अपनी प्यारी बिटिया का दिल रखने के लिए उनके मम्मी पापा उनके साथ देहरादून आ गये थे। उस वक्त वे देहरादून में ही थे कि धराली में आपदा आ गई। इस आपदा में उनका 40 कमरों वाला होटल, घर और सेब का बगीचा पूरी तरह तबाह हो गये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बेटी की जिद का मान रखना जाह्नवी के परिवार की लिए जिंदगी बचाने वाला फैसला साबित हुआ। जाह्नवी कहती है कि उनकी जिद पर मम्मी पापा उनके साथ देहरादून ने आये होते, तो न जाने क्या हो जाता। एक प्रमुख न्यूज चैनल से इसकी जानकारी पाकर ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने अपनी नई छात्रा जाह्नवी के पिता जय भगवान सिंह पंवार से फोन पर बातचीत करके अपनी संवेदनाएं जाहिर की। चेयरमैन डॉ घनशाला ने जाह्नवी की शिक्षा निशुल्क करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब जाह्नवी से किसी सेमेस्टर में कोई फीस नहीं ली जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ कमल घनशाला ने कहा कि धराली आपदा से पीड़ित अन्य परिवारों के बच्चों के संबंध में भी जानकारी मिलेगी, तो उनके संबंध में भी इस तरह के निर्णय करने पर विचार किया जायेगा। गौरतलब है कि आपदा की हर घड़ी में राज्य के लोगों के साथ खड़े होने वाले डॉ घनशाला वर्ष 2012 में उत्तरकाशी और 2013 में केदारनाथ त्रासदी के दौरान राहत कार्यों के लिए खुद पहल करके आगे आये थे। जोशीमठ की आपदा से प्रभावित काफी छात्र छात्राओं को ग्राफिक एरा में बीटेक से लेकर पीएचडी तक की शिक्षा निशुल्क दी जा रही है। रैंणी (जोशीमठ) की आपदा से बेघर हुई वृद्धा को ग्राफिक एरा ने मकान बनाकर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शिक्षकों और छात्र छात्राओं ने डॉ कमल घनशाला के मदद के जज्बे की सराहना करते हुए कहा उनके ऐसे निर्णय तमाम लोगों के लिए उदाहरण हैं और ये छात्र छात्राओं को कुशल प्रोफेशलन बनाने के साथ ही अच्छा इंसान बनना भी व्यवहारिक रूप से सिखाते हैं। धराली आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए ग्राफिक एरा ने राशन की कई खेप भेजी है। साथ ही ग्राफिक एरा अस्पताल की ओर से वहां के लोगों के लिए चिकित्सा कैंप भी लगाया गया है। इसमें लोगों का मुफ्त ईलाज के साथ ही दवा भी दी जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली में पांच अगस्त को बादल फटने से भारी तबाही मची। पहली सूचना के मुताबिक, चार लोगों की मौत और बड़ी संख्या में लोगों के लापता होने की खबर आई। बाद में एक शव और बरामद किया गया है। वहीं, कई लोगों के मलबे में दबे होने या फिर जल बहाव में बहने की भी आशंका है। वहीं, मौके पर सुरक्षा बलों ने रेस्क्यू अभियान तेज कर दिया है। इसके अलावा उत्तरकाशी जिले में अन्य दो स्थानों पर भी उसी दिन बादल फटने से तबाही मची थी।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।