एक दायित्वधारी पर खर्च आठ उपनल कर्मचारियों के बराबर, कर्ज में डूबे प्रदेश में जनता के साथ अन्यायः सूर्यकांत धस्माना

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने धामी सरकार की ओर से राज्य में विभिन्न विभागों और निगमों में नियुक्त किये गए दायित्वधारियों के मानदेयों, टैक्सी किराया, आवास व कार्यालय भत्तों व अन्य मदों में की गई बेतहाशा वृद्धि को अनावश्यक करार देते हुए कहा कि ये कर्ज में डूबे प्रदेश की जनता के साथ घोर अन्याय है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस के कैम्प कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था की गाड़ी पहले से ही पटरी से उतरी हुई है। राज्य पर अस्सी हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज चढ़ा हुआ है। उस पर नया तुर्रा यह कि दायित्वधारी बनाए गए भाजपा के कार्यकर्ताओं पर सरकार बेवजह अंधाधुंध खर्च कर प्रदेश पर और आर्थिक बोझ बढ़ाने का पाप कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक के ऊपर 65 हजार रुपये का कर्जा है और प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। राज्य सरकार प्रदेश की वित्तीय हालात को सुधारने का कोई ठोस प्रयास नहीं कर रही है। इससे कर्ज पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है और आयोजनागत खर्चा लगातार बढ़ रहा है। विकास के लिए पैसा बच नहीं रहा। ऐसे में दायित्वधारियों पर सरकार की मेहरबानी समझ से परे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि दायित्वधारी को 45 हजार रुपये मान देय, 80 हज़ार रुपये प्रति माह टैक्सी, 25 हज़ार रुपये आवासीय भत्ता, 15 हज़ार रुपये एक व्यैक्तिक सहायक व 12 हज़ार रुपये चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर दिए जा रहे हैं। यानी राज्य को एक दायित्वधारी एक लाख बहत्तर हज़ार रुपये का पड़ेगा। जो 8 उपनल कर्मचारियों के वेतन के बराबर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि धामी सरकार मितव्ययता के सिद्धांत के खिलाफ काम कर रही है, जो राज्य के अहित में है। इसलिए सरकार को इस निर्णय को तुरंत वापस लेकर दायित्वधारीयों को पूर्व में दी जा रही सुविधाओं को ही जारी रखना चाहिए।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।