Video: केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद, श्रद्धालु भूले कोरोना नियम
चारधाम यात्रा के समापन की अंतिम घड़ी में केदारनाथ धाम के साथ ही यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। अब आगामी छह माह तक बाबा भोले, यमुना माता की पूजा शीतकालीन पूजा स्थल पर होगी। वहीं, गंगोत्री धाम से कल शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना हुई मां गंगा की डोली आज मुखवा पहुंच गई। चारों धाम में कल रात से ही बर्फबारी हो रही है। इससे पूरे उत्तराखंड में मौसम सर्द हो गया है। उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में भी बारिश हो रही है। वहीं, कपाटबंदी और उसके बाद उत्सव डोली ले जाने के दौरान किसी भी श्रद्धालु ने कोरोना के नियमों का पालन करने की जरूरत नहीं समझी। न तो सोशल डिस्टेंसिंग ही देखी गई और न ही किसी के मुंह व नाक मास्क से ढके हुए थे।
चारधाम यात्रा के समापन की घड़ी निकट आ रही है। इस कड़ी में रविवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो गए। अब सोमवार की सुबह केदारनाथ धाम और दोपहर के समय गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो गए। कपाट बंद होने के बाद अब इन धामों की पूजा शीतकालीन पूजा स्थल पर होगी। वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही उत्तराखंड के सीएम भी केदारनाथ में मौजूद रहे। दोनों केदारनाथ धाम में रविवार की दोपहर बाद ही पहुंच गए थे।
केदारनाथ धाम में कपाट बंद करने की प्रक्रिया सुबह 5.30 बजे बजे से आरंभ हो गई थी। सुबह से ही विशेष पूजाओं का आयोजन शुरू हो गया। सुबह करीब 5.30 बजे गर्भगृह के कपाट बंद किए गए। फिर गिनगिरी के कपाट एक घंटे के बाद बंद हुए। इसके बाद वेदपाठियों, हक हकूकधारियों, तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति और सेना के बैंड की धुन और बाबा भोले के जयकारों के उद्घोष के साथ ही मंदिर के कपाट सुबह 08.30 बजे बंद कर दिए गए। इसके बाद बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली मन्दिर की तीन परिक्रमा करते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर उखीमठ के लिए प्रस्थान कर गई।
डोली रुद्रा प्वाइंट, लिनचोली, रामबाड़ा, भीमबली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग होते हुए पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 17 नवंबर को डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में रात्रि प्रवास करेगी। 18 नवंबर को डोली उखीमठ स्थित बाबा केदार पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएगी। यहीं आगामी छह माह तक बाबा केदारनाथ की शीतकालीन पूजा होगी।
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यमुनोत्री धाम के कपाट 12. 35 बजे श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। आज सोमवार को खरसाली से मां यमुना के भाई शनि महाराज की डोली यमुनोत्री पहुंच गई थी। कपाट बंद होने के बाद शनि महाराज की अगुआई में माता यमुना की डोली शीतकालीन प्रवास के लिए खरसाली स्थित माता यमुना मंदिर के लिए प्रस्थान कर गई। यमुना जी के शीतकालीन प्रवास खरसाली में जश्न का माहौल है। मंदिर को फूलों से सजाया गया है।पारम्पारिक बाद्य यंत्रों के से यहां मंगल गीत गाये जा रहे है।
शीतकालीन प्रवास मुखवा पहुंची मां गंगा की डोली
शीतकालीन प्रवास के लिए मां गंगा की डोली जब मुखवा पहुंची तो प्रकृति ने भी मां गंगा का बर्फ की सफेद चादर के साथ स्वागत किया। मुखबा सहित उपला टकनौर के हर्षिल, धराली सहित जमकर बर्फबारी हुई। मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली। आज दोपहर मां गंगा की डोली बर्फबारी के बीच अपने शीतकालीन प्रवास मंदिर में विराजमान हो गई। इस दौरान 9 बिहार रेजीमेंट बैंड की धुन के साथ माहौल भक्तिपूर्ण बना रहा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।