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July 4, 2025

परिवार में गर्भवती महिला सहित चार सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाले को अदालत ने सुनाई फांसी की सजा, दून का है मामला

देहरादून में अपने ही परिवार के गर्भवती महिला सहित चार लोगों की बेरहमी से हत्या के दोषी को पंचम अपर जिला जज आशुतोष मिश्र की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई।

देहरादून में अपने ही परिवार के गर्भवती महिला सहित चार लोगों की बेरहमी से हत्या के दोषी को पंचम अपर जिला जज आशुतोष मिश्र की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। उसे हत्या के मामले में धारा 302 के तहत फांसी, 307 और 316 में दस साल की कैद सुनाई गई। साथ ही एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने कहा, ये रेयर आफ रेयर केस है। उत्तराखंड के पहले बड़े मामले में देहरादून कोर्ट ने ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
हत्या की वारदात दीपावली के दिन चकराता रोड आदर्श नगर में हुई थी। एक ही परिवार में गर्भवती महिला और चार अन्य सदस्यों की हत्या करने वाले आरोपी हरमीत सिंह को अदालत ने सोमवार को दोषी करार दिया था। 24 अक्टूबर 2014 को आरोपित हरमीत सिंह ने अपने पिता जय सिंह, सौतेली मां कुलवंत कौर, सौतेली गर्भवती बहन हरजीत कौर और हरजीत कौर की बेटी सुखमणि की चाकू से गोद कर हत्या कर दी थी। हमले में हरजीत कौर के बेटे कमल को चाकू लगे थे और वह घायल हो गया था। केस में कमल चश्मदीद गवाह रहा। दिल दहलाने देने वाली इस घटना को दोषी ने प्रॉपर्टी को लेकर अंजाम दिया था।
गौरतलब है कि ये मामला 24 अक्टूबर 2014 को दीपावली की रात का है। इस घटना का पता तब चला जब नौकरानी राजी अगले दिन घर काम करने पहुंची थी। उस वक्त हरमीत घर पर ही था। उसने राजी को अंदर नहीं आने दिया और वहां से चले जाने को कहा। इस पर राजी ने जय सिंह के भतीजे और मुकदमे में शिकायतकर्ता अजीत सिंह को फोन कर बताया कि हरमीत घर का काम कराने से मना कर रहा है। अजीत ने जय सिंह को फोन किया, लेकिन फोन कट गया। दोबारा फोन किया तो हरमीत से बात हुई।
अजीत ने मौके पर पहुंचकर पूछा कि जय सिंह कहां है तो हरमीत ने बताया कि वो कहीं गए हुए हैं। इस पर अजीत ने हरमीत से कहा कि गेट खोलो और राजी को घर का काम करने दो। हरमीत ने दरवाजा खोल दिया। राजी घर के अंदर दाखिल हुई तो हर तरफ खून बिखरा हुआ था। जय सिंह, कुलवंत कौर, हरजीत कौर और सुखमणि खून से लथपथ पड़े थे। राजी चीखते हुए बाहर आ गई और इसकी सूचना अजीत को दी। इस मामले में कैंट कोतवाली में हरमीत के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
हत्या के वक्त घर में हरमीत का करीब पांच वर्ष उम्र का भांजा कंवलजीत सिंह जिंदा बचा था। हत्यारे ने उस पर भी चाकू से हमला किया था। वह बेड के नीचे छिपकर बच गया था। जो इस केस में अहम गवाह रहा। न्यायालय में अभियोजन ने कुल 21 गवाह और वैज्ञानिक साक्ष्य पेश किए। आरोप ने रामपुर चाकू से हत्याकांड को अंजाम दिया था।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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