आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार पर दावों हस्ताक्षर को लेकर शासनादेश जारी होने पर परिषद ने शासन का जताया आभार
आयुवर्दिक पद्धति से सेवारत एवं सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों, सरकारी सेवकों एवं उनके आश्रित सदस्यों के उपचार पर व्यय हुई धनराशि की प्रतिपूर्ति दावे पर प्रतिहस्ताक्षर को लेकर शासनादेश जारी होने पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने शासन का आभार जताया। सचिव रविनाथ रमन की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि उपचार में खर्च की गई राशि अन्तर्गत 1.5 लाख तक बिलों के प्रतिहस्ताक्षर का अधिकार जिला आयुर्वेदिक एवं युनानी अधिकारी को प्रदान किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए परिषद के प्रदेश प्रवक्ता आरपी जोशी ने बताया कि 20 सितंबर 2024 को अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन के साथ परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे एवं महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट के साथ परिषद नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में उक्त मांग को मांगपत्र की मांग संख्या 5 के रुप मे प्रमुखता से उठाया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि आयुष चिकित्सालयों में चिकित्सा कराए जाने पर चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति का प्राविधान कर दिया गया है, किन्तु इसके बिलों को प्रतिहस्ताक्षरित करने के लिए आयुष निदेशालय ही प्रेषित करना होता है। इससे अनावश्यक विलम्ब होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने मांग की थी कि आयुष सम्बन्धी बिलों को भी जनपद स्तरीय सम्बन्धित अधिकारी को प्रतिहस्ताक्षर के अधिकार दिए जाए। इस पर शासन ने उस समय सहमति देते हुए शीघ्रातिशीघ्र शासनादेश जारी करने का आश्वासन दिया था। शासन की ओर से उक्त आश्वासन को तत्काल पूर्ण किए जाने से राज्य कार्मिक अत्यन्त हर्षित हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि परिषद की ओर से यह आशा जताई गई है कि इसी प्रकार मांगपत्र की प्रमुख मांगों 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर पूर्व की भांति पदोन्नत वेतनमान सहित एसीपी, गोल्डन कार्ड में ओपीडी पर निःशुल्क दवा एवं जांच, पदोन्नति में पुनः शिथिलीकरण लागू किए जाने सहित अन्य बिन्दुओं पर भी शासन स्तर से अतिशीघ्र कार्यवाही करते हुए शासनादेश जारी किए जाएंगे। ताकि राज्य सरकार के कार्मिकों को सम्बन्धित लाभ शीघ्रातिशीघ्र प्राप्त हो सकें।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।