हाईकोर्ट की सख्ती के बाद उत्तराखंड में टेक होम राशन आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया निरस्त, फिलहाल पूर्व की व्यवस्था लागू
उत्तराखंड में टेक होम राशन आपूर्ति में टेंडर प्रक्रिया के विरोध में उठती आवाज के साथ ही हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब सरकार को फैसला बदलना पड़ा है। टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया है। साथ ही अब पूर्व की व्यवस्था से ही राशन वितरण किया जाएगा। इस संबंध में सचिव हरि चंद्र सेमवाल की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही वितरण के लिए विभाग से दोबारा प्रस्ताव मांगा गया है।
महिला महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखंड को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि दिनांक 16 अगस्त 2021 में मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गये निर्णयानुसार टीएचआर वितरण के संबंध में भारत सरकार द्वारा प्रदत्त दिशा-निर्देशों के क्रम में राज्य की भौगोलिक एवं सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार से निर्गत दिशा-निर्देशों में छूट प्रदान करने हेतु अनुरोध किये जाने के क्रम में सुस्पष्ट प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
साथ ही यह भी कहा गया है कि दिनांक 16 अगस्त 2021 को मंत्रिमंडल के आदेश संख्या 4/2/xvii/xxi/2021-सी एक्स दिनांक 18.08.2021 में लिए गये निर्णयानुसार टीएचआर क्रय किये जाने
से संबंधित पूर्व में निर्गत शासनादेश संख्या-713/XVII(4)/2021-129/2006 Vol-II दिनांक 08 अप्रैल 2021 को निरस्त करते हुए भारत सरकार से नवीन दिशा-निर्देश प्राप्त होने तक टेक होम राशन वितरण व्यवस्था को वर्तमान में विद्यमान व्यवस्था के अनुरूप ही संचालित किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
ये है मामला
गौरतलब है कि टेक होम राशन की आपूर्ति महिला स्वयं सहायता समूह की ओर से की जा रही थी। वर्तमान में राज्य सरकार ने इसके टेंडर जारी कर दिए। इसमें शर्तें ऐसी लगाई गई कि छोटे समूह इसका पालन कर ही नहीं सकते। ऐसे में हजारों महिलाओं का रोजगार छीन गया। इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी उठा रही है। विगत दिवस ही हाईकोर्ट नैनीताल ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए टेक होम राशन की आपूर्ति के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी। साथ ही इस मामले में राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय उत्तराखंड सरकार की ओर से आठ अप्रैल को पुष्टाहार टेंडर जारी किए गए थे।
टेंडर प्रक्रिया में यह शर्त रखी गयी है कि जो समूह इसमे प्रतिभाग करेगा, उनका तीन साल में टर्नओवर तीन करोड़ से ऊपर हो। साथ ही टेंडर में प्रक्रिया में शामिल होने के लिए 11लाख 24 हजार रुपये की धरोहर राशि रखी गयी है। पहले भी उनसे पौष्टिक आहार खरीदा गया था, तब ऐसी कोई शर्तें नहीं थी। सरकार ने इस टेंडर प्रक्रिया में अब प्राइवेट कंपनियों को भी प्रतिभाग करने की छूट दे दी है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार उनको इस टेंडर प्रक्रिया से बाहर करना चाहती है, क्योंकि कोई भी महिला समूह इतनी बड़ी शर्त पूरा नहीं कर सकती है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।