ग्राफिक एरा के शिक्षकों ने ग्रामीणों को किया पर्यटन पर जागरूक, बच्चों की पेंटिंग कार्यशाला की आयोजित

ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने इस बार क्रिसमस एक नए अंदाज में मनाया। विश्वविद्यालय के शिक्षक पहाड़ी रास्ते पर ट्रेक करते हुए नेल नागी गांव पहुंचे। घनोल्टी के नजदीक इस गांव में शिक्षकों ने ग्रामीण पर्यटन और एकीकृत आजीविका के महत्व के बारे में स्थानीय ग्रामीणों को बताया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर विभाग की डा. अनीता और उनकी टीम ने ग्रामीणों को सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाने के लिए प्रेरित किया व फल, सब्जी और अन्य कैश क्रोप्स को आधुनिक तरीकों से उगाने की तकनीक सिखाई।
इस मौके पर शिक्षकों ने बच्चों के लिए एक पेंटिंग कार्यशाला का भी आयोजन किया, जिसमें बच्चों को आस-पास के सुन्दर दृश्यों की पेंटिंग बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। यह पेंटिंग बच्चों ने लकड़ी के फट्टे पर कागज रखे बगैर की।
ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, टाटा ट्रस्ट के साथ ग्रामीण पर्यटन और एकीकृत आजिविका के लिए सलाहकार के रूप में जुड़ा है। इसी मुहीम के आगे बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर और आर्किटेक्ट विभाग के शिक्षकों ने इसका आयोजन टाटा ट्रस्ट और एआईएम एनजीओ के साथ मिलकर किया। इस कार्यक्रम का आयोजन जितेन्द्र सिंह के होम स्टे में हुआ। जितेन्द्र सिंह टाटा ट्रस्ट परियोजनाओं में कारपेन्टरी कार्यों में शामिल थे। इस मौके पर एआईएम एनजीओ के श्री के. एन. बहुगुणा और श्रीमती कुसुम बहुगुणा व एग्रीकल्चर और आर्किटेक्ट विभाग के शिक्षक मौजूद रहे।
मास्क पर भी ध्यान दे देते गुरुजी
कार्यक्रम की जो तस्वीरें सामने आई, उससे तो साफ है कि ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का भय किसी को नहीं है। ऐसे मौकों पर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के साथ उन्हें मास्क लगाने के लिए भी प्रेरित करना जरूरी है। बच्चे और बड़ों में किसी ने भी मास्क नहीं लगाया था। अभी कोरोना समाप्त नहीं हुआ, ऐसे में मास्क और शारीरिक दूरी पर हर एक को ध्यान देना होगा।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।