शिक्षिका उषा सागर की कविता-अमीर कौन?
अमीर कौन?
कौन इस जग में अमीर कहलाया
धन अथाह जिनके पास था
या जो औरों के काम आया
कौन इस जग में अमीर कहलाया।
भर लिया भण्डार जिसने अपना
मजबूर,निर्बलों का शोषण कर
या अपनी मेहनत की कमाई से
मजबूर, निर्धनों का पोषण कर
घूमते हैं जो आलीशान बड़ी बड़ी गाड़ियों में
ले शराब की बोतलें बैठे सड़क किनारे झाड़ियों में
राह में गरीब लाचार ने जब हाथ अपना फैलाया
जेब से न उनकी कभी कुछ भी बाहर आया
कौन इस जग में अमीर कहलाया।।
गया न कभी इनकी एक भी पैसा जेब से
बस गरीबों को लूट लिया जिन्होंने यूंही फरेब से
वक्त की ठोकरों से जो संभल गया
या धन के मद में आकर जो ढ़ह गया
सब कुछ बर्बाद होने के बाद भी जो न होश में आया
कौन इस जग में अमीर कहलाया।।
कवयित्री का परिचय
उषा सागर
सहायक अध्यापक
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गुनियाल
विकासखंड जयहरीखाल, जिला पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।