शिक्षिका उषा सागर की कविता-शिकायत रही तुम्हें

शिकायत रही तुम्हें
हर दर्द तेरा अपना लिया हमने
फिर भी शिकायत रही तुम्हें
खुशियों की खातिर तेरी
खुद को भी बदल डाला
फिर भी शिकायत रही तुम्हें
तेरे प्यार की छांव में इस कदर
जिस्म मेरा घावों से भर गया
फिर भी शिकायत रही तुम्हें
जुल्म औ सितम से तेरे
दिल के टुकड़े अनगिनत हुए
फिर भी शिकायत रही तुम्हें
निभाने अपना हर वचन
एक अरसे से हूं साथ तेरे
फिर भी शिकायत रही तुम्हें
तेरा घर बनाने बसाने में
उम्र यूंही बढ़ती बिखरती रही
फिर भी शिकायत रही तुम्हें
सुना भी न सकी कभी मैं
दिल पर लिखी आंसुओं की कहानी
फिर भी शिकायत रही तुम्हें
छोड़कर दर तेरा आज मैं
कफ़न ओढ़ चल पड़ी हूं
अब तो शिकायत नहीं तुम्हें
कवयित्री का परिचय
उषा सागर
सहायक अध्यापक
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गुनियाल
विकासखंड जयहरीखाल, जिला पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड।




