शिक्षिका उषा सागर की कविता-ए वक्त भी गुजर जाएगा

हौसला रख ए मेरे दोस्त
ए वक्त भी गुजर जाएगा
आएंगे खुशियों के दिन
जब कहर ए रुक जाएगा
सिमटे हुए से जज्बात हैं
हुई गमगीन है दुनिया
बस कुछ लम्हों की बात है
फिर से रंगीन है दुनिया
फिर से खुशियों का दौर लौट आएगा
हौसला रख ए मेरे दोस्त
ए वक्त भी गुजर जाएगा
यूं तो गुलजार थी ए दुनिया
हर तरफ बहार ही बहार थी
इस तर्जा हालात को
हो गई इक तकरार थी
संगठन सदस्यता के लिए
बढ़ गई तकरार थी
देखते ही देखते आपस में
दो शक्तियां टकरा गई
अभिमान, स्वाभिमान की
बात युद्ध तक आ गयी
हो रहा विनाश इतना
विकास रुक जाएगा
हौसला रख ए मेरे दोस्त
ए वक्त भी गुजर जाएगा
हर तरफ भयानक सा मंजर है
हाहाकार, कोहराम मचा
बुलन्द था नसीब जिनका
वो मुश्किलों से बच निकला
बेवा हुई हैं बहिन बेटी कोई
किसी घर का चिराग बुझा गये
अपने प्रभुत्व को दर्शाने
आमने-सामने हो गये
शक्तियों का दंभ भी
इक रोज दम तोड़ जाएगा
हौसला रख ए मेरे दोस्त
ए वक्त भी गुजर जाएगा
कवयित्री का परिचय
उषा सागर
सहायक अध्यापक
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गुनियाल
विकासखंड जयहरीखाल, जिला पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।