शिक्षक श्याम लाल भारती की कविता-आओ भगवान से दुआ मांगे
आओ आज भगवान से कुछ मांगे,
जिंदगी जीने की दुआ मांगे।
अपने लिए तो कई बार मांगा,
आज औरों के लिए कुछ भला मांगे।।
माना जिंदगी का दौर कठिन है आज,
उसे सुलझाने की कुछ युक्ति मांगे।
काल पड़ा है जान के पीछे,
उससे लड़ने की हम शक्ति मांगे।।
दुःख की घड़ियाँ तो बीत ही जायेंगी,
सुख जल्दी आये आज ये दुआ मांगे।
बीत जायेंगे बुरे पल जीवन के,
चलो जिंदगी जीने की कला मांगे।।
अंधियारा मिट जाता है जरूर एक दिन
चलो फिर आज हम उजियारा मांगे।
खुश रहें सभी जीवन में इतना,
आज हम लंबी उम्र की दुआ मांगे।।
नफरत नाराजगी है जो मन में,
उसे दिल से मिटाने की ताकत मांगे।
अपने लिए तो कई बार माँगा,
सबके लिए खुशियों की ईबादत मांगे।।
कवि का परिचय
श्याम लाल भारती राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय देवनगर चोपड़ा में अध्यापक हैं और गांव कोठगी रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड के निवासी हैं। श्यामलाल भारती जी की विशेषता ये है कि वे उत्तराखंड की महान विभूतियों पर कविता लिखते हैं। कविता के माध्यम से ही वे ऐसे लोगों की जीवनी लोगों को पढ़ा देते हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
भौत बढिया