शिक्षिका हेमलता बहुगुणा की कविता-विश्व पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस27सितम्बर 1980को
विश्व पर्यटन दिवस मनाया
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटक
संगठन द्वारा चुनाव कराया।
चुनाव का मुख्य कारण था
UNWTO ने इसे स्वीकारा था
विश्व से पर्यटक आए घूमें
धूमधाम इसे मनाया था।
विश्व के पर्यटक आए देश में
देश की शान बढ़ाने को
स्वागत करते उन सबका हम
जो आऐ देश-का मान बढ़ाने को।
धरोहर है जो देश की अपनी
कीले राजमहल वस्तु जैसी
हर देश में इनकी गणना करते
महान वह कर जातें हैं।
यहां की मिट्टी यहां की धरती
यहां की संस्कृति कैसी है
कैसे है मंदिर मस्जिद यहां के
कैसी यहां की बस्ती है।
घूम-घूम कर देश विदेश में
फिर वह सोचते जाते हैं
कैसे कैसे जन व्यवसाय यहां के
सबका वर्णन कर जातें हैं ।
हर देशो के हर देशों में
पर्यटक घूमने आते हैं
इस दिन को ही हम सब
धूमधाम से पर्यटक दिवस मनाते हैं ।
कवयित्री का परिचय
नाम-हेमलता बहुगुणा
पूर्व प्रधानाध्यापिका राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सुरसिहधार टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड।





