स्वाधीनता दिवस की शान पर शिक्षिका हेमलता बहुगुणा की कविता-पंद्रह अगस्त की बेला
पंद्रह अगस्त की बेला
पंद्रह अगस्त की बेला पर
झण्डा ऊंचा फहरायेंगे
नत् मस्तक हो जायेंगें सब
सर अपना झुकायेंगे।
मधुर गीत वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम् गायेंगे
राष्ट्र गान की धुन बजाकर
राष्ट्र गान को गायेंगे।
गांधी जी का रधुपति राधव
सुख सन्मति घर लाएंगे
आजादी के उन वीरों को
दिल से याद कर आएंगे।
आजादी दी, बलिदान हुए
स्वतन्त्रता का बिगूल बजाया था
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
ऐसा कोई भाव न आया था ।
आजादी का जूनून था सबमें
मिलकर देश आजाद किया
ऊंचा सदा रहे यह झण्डा
सबने मन में ठान लिया ।
हर साल फहरे झण्डा हमारा
पंद्रह अगस्त सबकी शान हैं
स्वतन्त्रता का दिवस है ये
सबका मान, सम्मान है।
कवियित्री का परिचय
नाम-हेमलता बहुगुणा
पूर्व प्रधानाध्यापिका राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सुरसिहधार टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।