शिक्षिका हेमलता बहुगुणा की कविता-मत करो जनता को भ्रमित, अपने झूठे वादो को करने से
भ्रमित
मत करो जनता को भ्रमित
अपने झूठे वादो को करने से
करेंगे काम तुम्हारे लिए सब
झूठ वह बनावटी बसूलो से
सड़कें बन गयी लम्बी चौड़ी
दरकते पहाड़ों के नीचे
किसकी जांन किसके नीचे
धड़क रहा है दिल हर पल में
टूट गये है पुस्ते सारे
जो पक्का बनाये जातें हैं
कौन सी गाड़ी गिर जाएं उससे
यह कुछ कहा नहीं जाता है
ऐसी क्या सड़क बनी जो
पलभर में गिर जाती है
थोड़ी सी बारिश होने पर
सड़कें बन्द हो जाती है।
पक्का काम कहीं नहीं दिखता
कैसा वादा कर जातें हैं
बेरोजगारी की भरमार तों देखो
हर घर में दिखाई देते है ।
न रोजगार है न किसानगार है
हर कोई रोता दिखता है
वादे वादे सबके रह जाते
सब काम अधूरा रहता है ।
कवयित्री का परिचय
नाम-हेमलता बहुगुणा
पूर्व प्रधानाध्यापिका राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सुरसिहधार टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।