शिक्षक एवं कवि रामचन्द्र नौटियाल की कविता-श्रीदेव सुमन! शत् शत् नमन
श्रीदेव सुमन! शत् शत् नमन!
तुम हिमालय के लाल
जो बने टिहरी रियासत के काल
सुमन जी !
तुम तो हो
टिहरी रियासत के
क्रान्तिकारी लाल
सामन्तशाही
की जंजीरों को
संघर्ष के खूनव जुनून
से उखाड फेंका
पहाड को आजाद कराया
सुमन !
तुम तो ही थे
जिन्होंने 84 दिन
की भूख हडताल
करके एक नया
इतिहास रचाया
तुमने
ही बदली पहाडों
के संघर्ष की तस्वीर
प्रजामण्डल बनाकर प्रजा की
आवाज का मंच बनाया
टिहरी चम्बा गढवाल
के बमुण्ड पट्टी
का जौल ग्राम
पिता हरिराम बडोनी
माता तारा देवी के घर
जन्मे श्रीदेव सुमन अमर नाम
गुलामी की रोटी खाने की जगह
संघर्ष /त्याग/बलिदान
को ही अपना जीवन बनाया
श्रीदेव सुमन! शत् शत् नमन!!
कवि का परिचय
रामचन्द्र नौटियाल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गड़थ विकासखंड चिन्यालीसौड, उत्तरकाशी में भाषा के अध्यापक हैं। वह गांव जिब्या पट्टी दशगी जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड के निवासी हैं। रामचन्द्र नौटियाल जब हाईस्कूल में ही पढ़ते थे, तब से ही लेखन व सृजन कार्य शुरू कर दिया था। जनपद उत्तरकाशी मे कई साहित्यिक मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां दे चुके हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।