मैं लंकेश रावण हूँ अपना प्रारब्ध स्वयं मैंने चुना था । मैं ऋषि विश्रवा का पुत्र और महर्षि पुलत्स्य का...
Young poet
ये देश कैसा है? मैं हिन्दू हूँ तू मुस्लिम है ये द्वेष कैसा है। नफ़रतों हैं हवाओं में ये परिवेश...
आँसू और मुस्कान जब-जब आँखों में आँसू दिल मचल-मचल छलकती है पीड़ा का क्रंदन होता है अंतर में टिस उभरती...
पाँच साल वो आया राजनीति में जनसेवा तो बस एक बहाना था। उसको भी तो पाँच सालों में अकूत दौलत...
मत देना वरदान मुझे मैं रोऊँगा, चिल्लाऊंगा निज किस्मत को गोहराउंगा, संतप्त वेदना में तपकर अपना संघर्ष लुटाऊँगा। पग-पग पर...
हे ! बद्रीश प्रभु कृपा करो हे देव-मनुजों के पति लक्ष्मीपति, बद्रीवन के विशाल श्रीबद्रीश जी , सृष्टि पालनहार पीताम्बरधरा...
'अनुप्रास अलंकार' में : 'म' से 'माँ' माँ मैं मुख मन्थन मधु! मधुर मंगल मृदुल माँ! महान महन्त मातृत्व महिमा!...
तुम आत्महत्या करोगे संकट गहरा रहा है दुराकाश में हिंसक पक्षियों का दल आ रहा है क्षितिज पर षड्यंत्र का...
चिहुँकती चिट्ठी बर्फ का कोहरिया साड़ी ठंड का देह ढंक लहरा रही है लहरों-सी स्मृतियों के डार पर हिमालय की...
न छौंका मारा दैं न तुक्का मारा दै अपणो का खातिर एक पहल करा धै न कैसी डरा धै न...