Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 11, 2025

Sahitya

ल्याखा-पाढ़ा सुड़ीं-जड़ीं छ्वीं-बतौंम, द्वी-चार ह्वे जांद. गुणीं-लिखीं कितब्यूंम, नै बिचार ह्वे जांद.. धरोहर च हमरी, यीं बिट्वाऴा-समाऴा, नै- पुरणि कितब्यूं...

पुरखौं धरौंण यो पाऽण हम थैं, खुज्यांणा छीं. अफ वख-हम यख, रुलांणा छीं.. बोलि नी पांदा, कबि भी गिचन, ज्यू...

रगड़ा-झगड़ा सोचु भिंडि च-हमन, जीवन म अपड़ा भी. क्य ब्वन-दगड़म चल़णा छिं, सौ रगड़ा भी.. मनखी सोच्यूं-अर गड़्यूं, कख तक...

किसान खड़ा है, सड़कों पर ! मिलजुल कर सब काम करो, व्यर्थ ना बकवास करो !किसान खड़ा सड़कों पर है,...