सारू जन- लगल्यूं थैं रैंद सारू, झाऽड़ कू. उनि- पुगड़्यूं थैं रैंद सारू, बाऽड़ कू.. एक- हैंका सारू, हर -...
Sahitya
ल्याखा-पाढ़ा सुड़ीं-जड़ीं छ्वीं-बतौंम, द्वी-चार ह्वे जांद. गुणीं-लिखीं कितब्यूंम, नै बिचार ह्वे जांद.. धरोहर च हमरी, यीं बिट्वाऴा-समाऴा, नै- पुरणि कितब्यूं...
पुरखौं धरौंण यो पाऽण हम थैं, खुज्यांणा छीं. अफ वख-हम यख, रुलांणा छीं.. बोलि नी पांदा, कबि भी गिचन, ज्यू...
भोऴा आस मोरदु - क्य नि करदू, बग्त सब दिखैग्या आज. कन्खे रैंण-कन्खे सैंण, बग्त सब सिखैग्या आज.. बेसुध छौ...
रगड़ा-झगड़ा सोचु भिंडि च-हमन, जीवन म अपड़ा भी. क्य ब्वन-दगड़म चल़णा छिं, सौ रगड़ा भी.. मनखी सोच्यूं-अर गड़्यूं, कख तक...
किसान खड़ा है, सड़कों पर ! मिलजुल कर सब काम करो, व्यर्थ ना बकवास करो !किसान खड़ा सड़कों पर है,...