माँ का दिल दुख बेटे का देख पिघलता क्यूँ है। देखकर चोट वो मरहम उसे मलता क्यूँ है।। होती है...
Drishti Divyang
नारी है परी-जैसी, स्त्री प्रेम की धारा है। सेहरा-से जीवन में, नारी ही सहारा है।। आलम में अँधेरा है, भटकाव...
जवाँ देशभक्ति दिल अभी तक जवान है प्यारे। देश पे ये क़ुर्बान है प्यारे।। मुझे चैन मिलेगा नहीं तब तक।...