कीर्तन जिसकी कीर्ति फैले सारे जिसने यह दुनिया बनाई है ध्यान लगा लो मन से भजलो जिसकी कीर्ति दुनिया ने...
हेमलता बहुगुणा
कुर्ता पैजामू मेरू पेरूं छ बौंल्या मेरू खूब सज्यूं छ भलू स्वाणु अर प्यारू लग्यौं छ ब्यौंला देखी खुश ह्वाणा...
मेरा घर ऐसा होता काश !मेरा घर कुछ ऐसा होता चारो तरफ नदियों का घेरा होता पेड़ पर बैठी कोयल...
समय की पुकार जब जेसा समय आता है समय वैसा ही पुकारता है जब युद्ध की डंका नाद बजती समय...
चाह चाह है दिल में पाने की उसे पाने का जज्बा रखना और जब तक हासिल न हो तब तक...
बीज पहली मिलदूं छौ बीज घरों म अब मिलणु मुश्किल ह्वैगी घरों म बीज सम्भाली नी रखदा भरोसो सरकार पर...
अकेले रह गये हम जिन्दगी की डगर में आगे बढ़ते बढ़ते बैठ गया जरा नीचे सोचा अपने बारे में पीछे...
महात्मा गांधी देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ रखा था भारी मनमानी जनता से करते परेशान थीं जनता सारी ।...
कनी ब्यूली तुम कैन पूछी घर म ऐक ल्याई कनी ब्यूली जैक मैंन बोली घर म जैक ब्यूली ईनी सुण...
बेटी बेटी तो बेटी होती है क्यो कहते यह बेटी है अगर बेटी ना हो तो क्यो कहते धरती खाली...