वर्ष 2020 में विश्व में एक ऐसा संकट आया, जिसने संपूर्ण संसार की दिनचर्या को प्रभावित करके रख लिया तथा...
सोमवारी लाल सकलानी
निशांत के लिए शिशिर ऋतु की सीत, ज्यूं जम जाय संसार। ग्रीष्म ऋतु का ताप, उगलता आग आकाश। पावस ऋतु...
समय मिले यदि साथी तुमको नववर्ष के अरुणोदय को, नाना नातिन उत्सुक हैं। देख रहें हैं नया सबेरा, देखो...
आ जाना मेरे सुर कुट पर क्या देखा है कभी आपने, मां के मंदिर की यह शोभा ! हरित बर्फीला...
इस चमकीली दुनिया से अच्छा तो बिस्तर पर मरने से अच्छा, तो सरहद पर ही मरना था, पर भाग्य में...
पर्यावरण की रक्षा खातिर ऐ तथाकथित विकासवादियों ! मां का सीना मत चीरो। भोग बिलास लिप्सा खातिर ,जख्म धरा पर...
कोरोना के पोस्टर लिखकर ! मैं अंग्रेजी का था मास्टर, हिंदी भी अच्छी सीख गया !कोरोना के पोस्टर लिख कर,लेखन...
हिमालय के आंचल में मध्य हिमालय के आंचल में, दो सम ऐसे नगर बसे ,एक हिमाचल एक उत्तरांचल चंबा जिनके...
कविता दिन-भर थकान जैसी थी और रात में नींद की तरह/ सुबह पूछती हुई, क्या तुमने खाना खाया रात को।...
झंडा दिवस पर कवि सोमवारी लाल सकलानी की कविता- सशस्त्र झंडा दिवस में देखा, महा शौर्य कुर्बानी का लेखा
सशस्त्र झंडा दिवस सशस्त्र झंडा दिवस में देखा, महा शौर्य कुर्बानी का लेखा।शहीदों का इतिहास टटोला, जल थल नभ पराक्रम...