मेरे डांडो - कांठों में आजकल सुरभित पुष्प खिले हैं। बांज बुरांश मौरू तरुवर, शांत स्निग्ध हरितपर्ण धरे हैं। प्रिय...
सोमवारी लाल सकलानी
भिलंगना और भागीरथी के संगम पर पुराण प्रसिद्ध तीर्थ नगरी टिहरी कभी गणेश प्रयाग के नाम से जानी जाती रही,...
कद्र उसी की है जग में, जिसके मुंह पर खुशबू हो ! देवभूमि का रहने वाला हूं ! कभी पक्षपात...
देख तबाही के मंजर को, व्यथित हृदय क्यों टूट रहा ! धरती माता की चीखों से, नील नलय तक सिहर...
यदि स्वर्ग का सुख पाना है, तो राजनीति में आना। सुख -सत्ता सिंहासन को, हरगिज नहीं खोने देना। राजनीति से...
उत्तराखंड में पट्टी सकलाना (जौनपुर ) जिला टिहरी का यह गांव। क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा गांव। आबादी की...
हो जाता है मन अधीर जब हो जाता है मन अधीर जब, मै वृक्षों को गिनता हूं। बैठ पहाड़ के...
'हमारी मृत्यु के बाद, इस संसार में, बार-बार बसंत ऋतु आएगी और फूल खिलेंगे। तीरदय और अर्दे बहिश्त के महीने,...
कानून हमें आरक्षण दे दो। मेरा प्यारा हिन्दुस्तान, जहां आरक्षण सदाबहार। आजादी के वर्ष बहत्तर, आरक्षण ही खेवनहार। मेरा प्यारा...
दो दिन की काट खाने वाली ठंड के बाद जब चटक धूप खिली। यह पहाड़ी धूप है। जिसमें धुंध नहीं...