बेरोजगारी की पीड़ा बेरोजगारी में दिन,चल्लौणा रौला। हम भी तुम भी रूणा रौला। अपणु मनख्ये जब सय्णा रौला। तब कन...
नवीन गौड़
बदलता पहाड़ सदियों की कहानी वो पनघट का। बदलती जवानी बदलती कहानी। खिलती हवाएँ और मिलती दुआएँ। लम्बी सी रातें...
हाँ एक फूल हूँ मैं। नाजुक कलियों में खिलता हूँ। हर रंग में मिलता हूँ। कभी गर्मी,कभी सर्दी से लडता...
प्रेमिका कैसे लिखूँ , तुझे शब्दों में।कैसे तुझे बयाँ करूँ।अविरल, अभिलाषा है तेरी।कैसे प्रेम का रस पान करूँ।मन में तेरा...