हो मौज बहार कि आया नया साल छा जाए नया साल कर दफा हर मजबूरी। बेहतर हो नया साल कि...
दृष्टि विकलांग
आसान नहीं दुल्हे राजा होना कितना मुश्किल है किसी का आज शौहर होना।शिक्षा दौलत नियमित आय बराबर होना।। शादी को...
बागवाँ आया नया, गुलशन खिलाने के लिए।चाँद आया दूसरा, घर जगमगाने के लिए।। रात है तो क्या हुआ, डरता अँधेरे...