दिल में खोट है राम की सिर्फ़ ओट है। वरना दिल में खोट है। चरण उनके चूमेंगे जो भी उनके...
कविता
हाथों की चंद लकीरों से हम लिखते रहे किस्मत सदा। आड़ी, तिरछी, गोल लकीरें। लिखें हमारी ये तक़दीरें। लकीरों के...
उत्तराखंड का गांधी बूढ़ा गांधी देखा मैंने, प्रथम बार पचहत्तर में, गंजे सिर पर पीछे अलके, चंद्रकांएं थी गालों पर।...
धन दौलत आप की है के बाप की है... आप की है के बाप की है... लुटा रहे जो धन...
राम को अपना धाम खोजने की क्या पड़ी जरूरत है। राम तो घट-घट के वासी हैं हर तन में उनकी...
गांव नहीं छूटा हमसे आज भी गांव नहीं छूटा। जिस गांव में हमने देखे सपने। उन्हें सच किया वो ग़ैर...
गालीबाज संसद शर्मसार हो गई। प्रतिष्ठा तार- तार हो गई। लोकतंत्र की थी जो गरिमा बद होकर बाज़ार हो गई।...
बचपन अपना बचपन बचाके रखना। भूल न जाना बचपन के खेल। पल में झगड़ना पल में मेल। गुड्डा - गुड़िया...
हम रोशनदान हैं! हम दीवार नहीं रोशनदान हैं। हमसे आती है रोशनी घर में। हमारी भाती है उपस्थिति घर में।...
ज़िंदगी कंदील हो गई आईनों के शहर में चेहरों पर नक़ाब है। हवाओं को आने की इजाज़त नहीं है। ताका-झांकी...
