" जीवन जींणा चाह " बरसौं , जीवन जींणा बाद बि,ज्यू की धीत , किलै नी भ्वरदी.रूखू - सूखू ,...
गढ़वाली कविता
एक - हैंक म , बोलद रै गिवां.अफी छकी , अफि पकी गिवां.क्या पायि-क्या ख्वायी, अबतक-तोलदा- मोलदा , अफतैं रै...
स्वाचा-स्वाचा, भलु-भलु स्वाचा,भलु सोचिक, भलु - ज्यू ह्वे जांद.बगत - बगत, सोची - सोची क -बित्यूं बगत, कबि याद भि...
प्यारू उत्तराखंड " तेरा जिल्लौं से बड़ि छायू , प्यारू उत्तराखंड.बीस साल ह्वीं राज्य बड़्यां , प्यारू उत्तराखंड.. करि आंदोलन...
"इष्ट द्यवतौं बंदना" " दोहे " जख भी रौंला हम सदनि, लिंदवां तुमरू नाम.तुम इष्ट देवता हमरा , बड़ैं -...
रोज जीवनम , नै अध्या जुड़द.रोज नैं- नैं , सिखड़ा कु मिलद.रोजा हिसाब- निसाब , रोज ह्वे-रोज ! हर रोजा...
त्यार आला बार आला बार आला लोग अपना घर बार आलाघर तै भांति भांति का रंगू न सजालापर जु सहीद...
